आंध्र प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री, भारत के छठे राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी का जन्म 19 मई 1913 को आंध्र प्रदेश के इल्लुर नामक जगह पर हुआ था।
रेड्डी 1951 में मद्रास विधान सभा का चुनाव अपने बहनोई कम्युनिस्ट नेता तारिमेला नागी रेड्डी से हार गए थे। 1953 में रेड्डी आंध्र राज्य के उपमुख्यमंत्री बने। 1956 में आंध्र प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री (1956 - 1960) बने तथा दूसरे बार 1962 से 1964 तक मुख्यमंत्री रहे।
नीलम संजीव रेड्डी तीन बार राज्यसभा के सदस्य रहे। रेड्डी लाल बहादुर शास्त्री सरकार में केंद्रीय इस्पात और खान मंत्री रहे। इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडल में केंद्रीय परिवहन, नागरिक उड्डयन, जहाजरानी और पर्यटन मंत्री के रूप में भी कार्यरत रहे।
नाम | नीलम संजीव रेड्डी |
कार्य | किसान, राजनेता |
जन्म | 19 मई 1913 |
पिता | नीलम चिनप्पा रेड्डी |
पत्नी | नीलम नागरत्नम्मा |
मृत्यु | 1 जून 1996 | बेंगलुरु |
संतान | पुत्र - सुधीर रेड्डी | तीन पुत्रियाँ |
उन्हें दो बार लोकसभा का अध्यक्ष चुना गया। 1977 में जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में संसद के लिए चुने गए रेड्डी को सर्वसम्मति से छठी लोकसभा का अध्यक्ष चुना गया। और तीन महीने बाद उन्हें भारत के राष्ट्रपति के रूप में निर्विरोध चुना गया। इस उच्च पद पर निर्विरोध चुने जाने वाले पहले व्यक्ति थे। राष्ट्रपति के रूप में रेड्डी ने मोरारजी देसाई, चरण सिंह और इंदिरा गांधी तीन प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया।
रेड्डी ने भारत की स्वतंत्रता की तीसवीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर घोषणा की कि वह राष्ट्रपति भवन से बाहर एक छोटे से आवास में जा रहे हैं और वह भारत के गरीब लोगों के साथ एकजुटता में 70 प्रतिशत वेतन कटौती करेंगे।
1958 में, श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय तिरुपति ने इसकी स्थापना में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के कारण उन्हें डॉक्टर ऑफ लॉ की मानद उपाधि प्रदान की।
रेड्डी ने अपने जीवन काल में एक किताब भी लिखी जिसका नाम विदाउट फियर ऑर फेवर: रेमिनिसेंस एंड रिफ्लेक्शंस ऑफ़ ए प्रेसिडेंट है, जो 1989 में प्रकाशित हुई थी।
अपने राष्ट्रपति कार्यकाल के बाद, कर्नाटक के तत्कालीन मुख्यमंत्री रामकृष्ण हेगड़े ने रेड्डी को बैंगलोर में बसने के लिए आमंत्रित किया, लेकिन उन्होंने अनंतपुर में अपने खेत में सेवानिवृत्त होने का विकल्प चुना।
रेड्डी सार्वजनिक पद पर आसीन लोगों की प्रतिमाएँ लगाने की प्रथा को अवांछनीय मानते थे। इससे सम्वन्धित एक वृतांत इस प्रकार है, जब वे केंद्रीय खान मंत्री थे, तब कांग्रेस पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष के. कामराज ने विजयवाड़ा में उनकी एक प्रतिमा का अनावरण किया था, जिसके बाद रेड्डी ने इसे हटाने की मांग की थी। उसके बाद संजीव रेड्डी की एक प्रतिमा 2005 में लोकार्पित की गई जो वर्तमान में तेलंगाना सचिवालय में खड़ी है।
नीलम संजीव रेड्डी का निधन 1 जून 1996 को हुआ, उनकी समाधि बैंगलोर के कलपल्ली कब्रिस्तान में है।