नेल्सन मंडेला (Nelson Mandela) का जन्म 18 जुलाई 1918 को दक्षिण अफ्रीका के एक छोटे से गाँव मवेज़ो में हुआ। उनका असली नाम रोलीह्लाला मंडेला था, जिसका अर्थ है "दिक्कत डालने वाला"। उनका परिवार टेम्बू जनजाति से था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा एक मिशनरी स्कूल से प्राप्त की। नेल्सन मंडेला को बचपन से ही अपने देश के लिए कुछ बड़ा करने की इच्छा थी।
नेल्सन ने अपनी शिक्षा के लिए एक लंबा रास्ता तय किया। उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ़ Fort Hare और यूनिवर्सिटी ऑफ़ Witwatersrand से कानून की पढ़ाई की। इसके बाद वे Johannesburg में एक वकील बने। यहां उनका परिचय अपार्थेड (जातिवाद) (apartheid) व्यवस्था से हुआ, जो दक्षिण अफ्रीका में काले और गोरे लोगों के बीच भेदभाव करती थी। नेल्सन मंडेला ने इस अन्याय के खिलाफ संघर्ष की ठानी।
नेल्सन मंडेला ने 1943 में अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस (ANC) से जुड़ने का निर्णय लिया। 1948 में दक्षिण अफ्रीका में जातिवाद (अपार्थेड) नीति लागू हुई, जिसके तहत काले लोगों को कई अधिकारों से वंचित किया गया। मंडेला ने इस व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाई और इसके विरोध में कई अभियान चलाए।
नेल्सन मंडेला को 1962 में गिरफ्तार किया गया और उन्हें अपनी पूरी जिंदगी के लिए कारावास में डालने की धमकी दी गई। हालांकि, मंडेला ने हार नहीं मानी और अपने संघर्ष को जारी रखा। 1964 में उन्हें रिवोनिया ट्रायल में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। उन्होंने 27 साल तक जेल में रहते हुए भी अन्याय के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखी। इस दौरान वे एक प्रतीक बन गए, और दुनियाभर के लोग उनके संघर्ष से प्रेरित हुए।
नेल्सन मंडेला को 1990 में जेल से रिहा किया गया, जिसके बाद उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में शांति और सुलह के लिए काम करना शुरू किया। 1994 में, दक्षिण अफ्रीका में पहली बार सभी जातियों के लोगों के लिए स्वतंत्र चुनाव हुए, और नेल्सन मंडेला को देश का राष्ट्रपति चुना गया। वे देश के पहले अश्वेत राष्ट्रपति (black president) बने। उनकी अध्यक्षता में दक्षिण अफ्रीका में एक नए युग की शुरुआत हुई, जहां समानता और सामाजिक न्याय को प्राथमिकता दी गई।
नेल्सन मंडेला ने हमेशा शांति और सामंजस्य के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने अपने आलोचकों को भी माफ किया और देश में एकता की भावना को प्रोत्साहित किया। उनके नेतृत्व में, दक्षिण अफ्रीका ने अपार्थेड के घावों को भरने की कोशिश की और एक समावेशी समाज की ओर बढ़े।
नेल्सन मंडेला का जीवन केवल एक व्यक्ति की कहानी नहीं है, बल्कि यह एक प्रेरणा है। उन्होंने न केवल दक्षिण अफ्रीका, बल्कि पूरी दुनिया को यह सिखाया कि संघर्ष और सहनशीलता से किसी भी जुल्म को समाप्त किया जा सकता है। उनका जीवन आज भी हमें प्रेरित करता है और हमें यह याद दिलाता है कि बदलाव संभव है, यदि हम अपने लक्ष्य के प्रति सच्चे और समर्पित रहें।
नेल्सन मंडेला का निधन 5 दिसंबर 2013 को हुआ। उनकी मृत्यु पर पूरी दुनिया में शोक की लहर दौड़ पड़ी। लेकिन उनका जीवन, उनके विचार, और उनके संघर्ष हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रहेंगे। उनकी विरासत आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।