पण्डित रवि शंकर एक सितार वादक और संगीतज्ञ थे। रवि शंकर की गिनती विश्व के प्रख्यात संगीतकारों में होती है। पश्चिमी जगत को भारतीय शास्त्रीय संगीत से परिचय करवाने वालों में उनका विशेष योगदान है। संगीत में उनकी उपलब्धि का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वे 5 बार ग्रैमी अवार्ड विजेता हैं।
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नाम | रवि शंकर (रबिन्द्र शंकर चौधरी) |
जन्म | 7 अप्रैल, 1920 बनारस |
पेशा | सितार वादन |
गुरु | अलाउद्दीन खान |
पत्नी | अन्नपूर्णा देवी (रोशनआरा खान) सुकन्या राजन |
बच्चे | शुभेंद्र शंकर (माता : अन्नपूर्णा देवी)नोराह जोन्स (माता : सू जोन्स)अनुष्का शंकर (माता : सुकन्या राजन) |
सम्बंधित पुस्तकें (जीवनी/आत्मकथा) | माई लाइफ, माई म्यूजिक (1969)राग माला (1999 ) |
प्रमुख सम्मान / अवार्ड्स | 5 बार ग्रैमी अवार्ड,संगीत नाटक अकादमी पुरस्कारभारत रत्न |
निधन | 11 दिसंबर, 2012 (आयु 92 वर्ष)सैन डिएगो |
पंडित रवि शंकर का जन्म 7 अप्रैल, 1920 को बनारस में हुआ था। हेमांगिनी देवी व श्याम शंकर चौधरी उनके माता-पिता थे। उनके पिता मूल रूप से जेसोर जिला, पूर्वी बंगाल (अब बांग्लादेश) के रहने वाले थे। श्याम शंकर चौधरी एक वकील व राजनेता थे। साथ ही, वे राजस्थान के दीवान भी रहे थे।
रवि शंकर के बचपन का नाम रबिन्द्र शंकर चौधरी रखा गया था, जिसे बाद में उन्होंने परिवर्तित करके रवि शंकर कर दिया। रवि शंकर ने अपनी प्रारंभिक संगीत शिक्षा अपने बड़े भाई उदय शंकर से प्राप्त की। उदय शंकर एक कोरियोग्राफर / नर्तक थे। सितार सिखने से पूर्व रवि एक नर्तक थे। 10 साल की उम्र से ही वे अपने भाई के डांस ग्रुप का हिस्सा थे। पंडित रविशंकर ने उस्ताद अलाउद्दीन खां से सितार सीखना शुरू किया। इसके लिए वो मैहर गए। उन्होंने अपने गुरु की बेटी अन्नपूर्णा देवी से पहली शादी की। 20 साल बाद रविशंकर और अन्नपूर्णा अलग हो गए।
पंडित रविशंकर ने अपने सितार वादन का प्रदर्शन देश-विदेश में किया। इस दौरान उन्होंने कई अंतराष्ट्रीय ख्याति के कलाकारों के साथ मंच साझा किया। उन्होंने मशहूर म्यूजिक ग्रुप बीटल्स के जॉर्ज हैरिसन, संगीतकार फिलिप ग्लास, संगीतकार जुबिन मेहता, उस्ताद अल्ला रक्ख़ा, जैसे दिग्गज कलाकारों के साथ अपनी प्रस्तुतियां दीं।
अमेरिका में उनकी प्रसिद्धि का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रवि शंकर को हैरिसन, और टूरिंग बैंड के सदस्यों को अमेरिकी राष्ट्रपति गेराल्ड फोर्ड के बेटे जॉन गार्डनर फोर्ड के निमंत्रण पर व्हाइट हाउस का दौरा करने का निमंत्रण मिला।
पंडित रविशंकर को राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर पर बहुत से अवार्ड्स व सम्मानों से अलंकृत किया गया। विकिपीडिया से मिली जानकारी के आधार पर उन्हें कई अलंकरणों से सम्मानित किया गया जिसमें भारत भारत रत्न व ग्रैमी अवार्ड शामिल है।