राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) का जन्म 29 दिसंबर 1942 को हुआ था। वह अमृतसर के रहने वाले थे। बचपन में ही उनके माता-पिता ने उन्हें छोर दिया था। राजेश खन्ना इतने हालातो से लड़ के भी आगे बढे और बने इडस्ट्री के सबसे पहले सुपर स्टार। आइये जानते है राजेश खन्ना की ज़िंदगी के इन उतार-चढ़ाव के बारे में ।
29 दिसंबर 1942 को राजेश खन्ना का जन्म अमृतसर में हुआ। राजेश खन्ना का बचपन का नाम जतिन खन्ना था। उनके पिता स्कूल में टीचर की नौकरी करते थे। जब बंटवारा हुआ तो वे पाकिस्तान से आकर अमृतसर बस गए थे। विभाजन की वजह से उनके पिता की नौकरी चली गयी थी। उनके घर की हालत काफी ख़राब हो गयी थी। उस समय राजेश खन्ना सिर्फ 6 साल के थे। घर की माली हालत को देखते हुए उनके माता-पिता ने उनकी अच्छी परवरिश की जिम्मेदारी मुंबई में रह रहे रिश्तेदारों को सौंप दी थी। उसके बाद राजेश खन्ना मुंबई आये।
जन्म | 29 दिसम्बर 1942 |
पेशा | फिल्म अभिनेता व निर्माता |
कार्यकाल | 1966–2012 |
जीवनसाथी | डिंपल कपाड़िया |
बच्चे | ट्विंकल खन्ना, रिंकी खन्ना |
अवार्ड | 1971 - फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार 1972 - फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार 1975 - फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार |
बचपन से ही राजेश खन्ना एक्टिंग के लिए जुनूनी थे। 10 साल की उम्र में राजेश खन्ना ने थिएटर जॉइन कर लिया था। राजेश खन्ना को बोंगो और तबला बजाने में खासा दिलचस्पी थी। स्कूल के दिनों से ही जीतेन्द्र उनके अचे दोस्त थे। राजेश के पिता नहीं चाहते थे की बेटा एक्टर बने। पिता ने लाख मना किया मगर वो अपने सपने के लिए अटल रहे। फिल्मों में आने के लिए अपना नाम बदलकर राजेश खन्ना कर लिया था।
1966 में आई फिल्म ‘आखिरी खत’ से राजेश झन्ना ने बॉलीवुड में डेब्यू किया था। इसके बाद वो ‘राज’ में दिखाई दिए, जिसने बॉक्स ऑफिस पर तबाही ला दी थी। आपको बता दें कि इस फिल्म को 65 लाख के बजट में बनाया गया था और फिल्म ने इंडियन बॉक्स ऑफिस पर 1 करोड़ का कलेक्शन किया था। इसके बाद उन्होंने तीन सालों में 15 हिट्स दी और इंडस्ट्री के पहले सुपरस्टार बन गए।
राजेश खन्ना की फैन पूरी दुनिया में है साथ ही उन्हें फिल्म सिनेमा का पहला सुपर स्टार कहा जाता है, लेकिन खन्ना की लड़कियों में फैंस फॉलोइंग देखने लायक थी। राजेश खन्ना लड़कियों के क्रश हुआ करते थे। काफी लड़कियों ने उन्हें अपने खून से लिखे हुए खत भी भेजे है। खत इतने आते थे की उन्हें उसके लिए एक आदमी अलग से रखना पड़ा। राजेश खन्ना को सिने जगत के लोग प्यार से काका कहकर पुकारते थे। कहते थे जब राजेश खन्ना ब्लैक कपड़ो में आते थे तो काफी लड़कियां उन्हें देखने के लिए बहार आती थी।
राजेश खन्ना के वैसे तो सारे डायलॉग पूरी दुनिया मे मशहूर है लेकिन उनके कुछ डायलॉग ऐसे भी है,जो आज भी लोग नहीं भूलते।
- बाबू मोशाय, ज़िंदगी बड़ी होनी चाहिए लंबी नहीं
- मैं मरने से पहले मरना नहीं चाहता
- इंसान को दिल दे, दिमाग दे, जिस्म दे पर कम्बख्त पेट मत दे
- बड़ा आदमी तो वह होता है जो दूसरों को छोटा नहीं समझता
- मौत तो एक पल है
- पुष्पा, मुझसे ये आँसू नहीं देखे जाते… आई हेट टियर्स
- लोग जिंदगी का सबसे छोटा, सबसे कीमती लब भूल गए हैं... प्यार
राजेश खन्ना की लाइफ में एक ऐसा समय आया जब सबकुछ खत्म होने लगा। इधर डिंपल कपाड़िया के साथ उनके रिश्ते में दरार आने लगी फिर अमिताभ बच्चन की एंट्री हुई और उनका करियर थमने सा लगा। एक्टर के लिए ये वो समय था जब वो लगातार डाउनफॉल का सामना कर रहे थे। इस दौरान वो बिल्कुल अकेले पड़ गए थे।
राजेश खन्ना को 2011 में कैंसर हुआ। फिर जून 2012 में उनकी तबीयत लगातार बिगड़ने लगी। लेकिन लगातार इलाज के बाद भी वो जिंदगी से जंग हार गए और अंत में 18 जुलाई, 2012 को उनका निधन हो गया था। उनकी अंतिम यात्रा में करीब 10 लाख लोग शामिल हुए थे।