भारतीय सिनेमा जगत के मशहूर फिल्म निर्देशक और निर्माता सत्यजीत रे (Satyajit Ray) का जन्म 02 मई, सन् 1921 को कलकत्ता (अब कोलकाता) की बंगाल प्रेसीडेंसी में हुआ था। सत्यजीत रे फिल्म निर्देशक होने के साथ-साथ एक साहित्यकार, लेखक, कलाकार, चित्रकार, फिल्म निर्माता, गीतकार और कॉस्ट्यूम डिजाइनर भी थे। सत्यजीत रे कला और संस्कृति से जुड़े एक ऐसे रचनात्मक व्यक्ति थे, जिन्होंने अपने काम से न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में पहचान हासिल की। सत्यजीत रे को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट की मानद उपाधि मिली हुई थी और उन्हें भारत सरकार द्वारा भारत रत्न पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
नाम | सत्यजीत रे |
जन्म तारीख | 02 मई, सन् 1921 |
जन्म स्थान | कलकत्ता, बंगाल |
पिता का नाम | सुकुमार रे |
माता का नाम | सुप्रभा रे |
पत्नी का नाम | बिजोया रे |
पेशा | फिल्म निर्माता, निर्देशक व लेखक |
निधन | 23 अप्रैल, 1992 |
ब्रिटिश इंडिया कलकत्ता की बंगाल प्रेसीडेंसी में जन्मे सत्यजीत रे के परिवार का माहौल भी कलात्मक और साहित्यिक था, क्योंकि उनके पिता सुकुमार रे कवि और लेखक थे। कला और साहित्य में रुचि के गुण सत्यजीत रे को अपने पिता से ही मिले थे। जब सत्यजीत रे की आयु केवल तीन वर्ष की थी, तो उनके पिता का निधन हो गया। पिता के निधन के बाद सत्यजीत रे को उनकी माता ने ही पाला-पोसा। सत्यजीत रे ने अपनी शुरुआती शिक्षा कलकत्ता से ही पूरी की, जिसके बाद वह अपने नाना घर में रहने लगे। इसके बाद सन् 1936 में उन्होंने मैट्रिक पास की। सत्यजीत रे ने कलकत्ता विश्वविद्यालय और विश्व भारती विश्वविद्यालय से उच्च स्तर की शिक्षा ग्रहण की।
सत्यजीत रे के बारे में ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने अपना करियर बतौर एक डिजाइनर के रूप में शुरू किया था। आपको बता दें कि उन्होंने पंडित जवाहरलाल नेहरू की एक किताब का कवर डिजाइन किया था। इसके बाद वह फिल्म निर्माण व फिल्म निर्देशन करने लगे। सत्यजीत रे की पहली फिल्म पाथेर पांचाली थी, जो सन् 1955 में रिलीज़ हुई थी। ये फिल्म बिभूतिभूषण बंदोपाध्याय के इसी नाम के एक बंगाली उपन्यास पर आधारित है। सत्यजीत रे के निर्देशन में बनी पाथेर पांचाली फिल्म को लोगों ने खूब पसंद किया और इस फिल्म ने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार भी जीते। सत्यजीत रे ने अपने फिल्मी करियर में लगभग 37 फिल्मों का निर्देशन किया। फिल्मों का निर्देशन करने के अलावा सत्यजीत रे किताबें भी लिखा करते थे। उन्होंने 15 से ज्यादा किताबें लिखीं और एक लेखक के तौर पर भी पहचान हासिल की।
सत्यजीत रे एक ऐसे फिल्म निर्देशक थे जिन्हें 32 बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें कई बड़े पुरस्कार भी मिल चुके थे, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं।