सर गंगाराम – Sir Gangaram : पुण्यतिथि विशेष

अविभाजित भारत के सिविल इंजिनियर, ‘सर गंगाराम’! किसने कहा ‘आधुनिक लाहौर का जनक’? Civil Engineer of undivided India, 'Sir Gangaram'! Who called 'Father of Modern Lahore'?

राय बहादुर सर गंगाराम अविभाजित भारत के प्रसिद्ध सिविल इंजिनियर, उद्यमी और साहित्यकार थे। लाहौर के शहरी वातावरण में उनके व्यापक योगदान को देखते हुए खालिद अहमद ने उन्हें ‘आधुनिक लाहौर का जनक’ कहा था।

नाम राय बहादुर सर गंगाराम 
मूल नाम गंगाराम अग्रवाल 
जन्म 22 अप्रैल 1851
जन्म स्थान मंगतनवाला, नानकाना साहिब, पंजाब(अब पाकिस्तान)
पिता दौलत राम अग्रवाल 
माता रूप कौर 
शिक्षा सिविल इंजीनियरिंग,थॉमसन कॉलेज (वर्तमान I.I.T रूडकी) 
व्यवसाय सिविल अभियंता (Civil Engineer)
मृत्यु 10 जुलाई 1927 (लंदन, इंग्लैंड)

उनके द्वारा किये गए कुछ महत्वपूर्ण कार्य (Some important works done by him)

भारत में भी स्थित हैं उनके द्वारा स्थापित कि गयीं इमारतें (The buildings established by him are also located in India)

 वह पटियाला राज्य में सेवानिवृत्ति के बाद राजधानी की पुनर्निर्माण परियोजना के लिए अधीक्षक अभियंता बन गए। उनके कार्यों में मोती बाग पैलेस, सचिवालय भवन, नई दिल्ली, विक्टोरिया गर्ल्स स्कूल, लॉ कोर्ट और पुलिस स्टेशन थे।

साहित्य में भी है स्थान (There is a place in literature also)

प्रसिद्ध उर्दू लेखक सआदत हसन मंटो ने उन लोगों पर एक व्यंग्य लिखा जो पाकिस्तान के अस्तित्व में आने के बाद लाहौर में किसी हिंदू की किसी भी स्मृति को खत्म करने की कोशिश कर रहे थे। 1947 के धार्मिक दंगों के उन्मूलन पर एक सच्ची घटना के आधार पर अपनी कहानी "गारलैंड" में, एक आवासीय क्षेत्र पर हमला करने के बाद लाहौर में उन्मादी भीड़ ने लाहौर के महान हिंदू परोपकारी सर गंगा राम की मूर्ति पर हमला कर दिया। उन्होंने पहले मूर्ति को पत्थरों से पलट दिया, फिर एक आदमी पुराने जूते की  माला बनाकर मूर्ति की गर्दन में डालने के लिए आगे बढ़ा। पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया। घायल लोगों में पुराने जूते की माला लिए वह आदमी जैसे ही गिरा, भीड़ ने चिल्लाया: "चलो उसे सर गंगा राम अस्पताल ले जाएं"।  लोग भूल जाते हैं कि वे उस व्यक्ति की यादों को खत्म करने की कोशिश कर रहे थे, जिसने अस्पताल की स्थापना की थी, जहां उस व्यक्ति को अपना जीवन बचाने के लिए जाना था। 

नौकरी से दिया त्यागपत्र , खेती के लिए खुद को किया समर्पित (Resigned from job, dedicated himself to farming)

1873 में पंजाब लो0 नि0 वि0 (P.W.D) में अल्प सेवा से त्यागपत्र देने के बाद व्यावहारिक खेती के लिए खुद को समर्पित कर दिया। मोंटगोमरी जिले में 50,000 एकड़ जमीन पट्टे पर प्राप्त की और 3 साल बाद वह बंजर भूमि चारों तरफ से हरियाली में परिवर्तित हो गयी। पानी से सिंचाई का मुख्य स्रोत जलविद्युत संयंत्र था। जिसका सारा व्यय उन्होंने खुद की वहन किया। यह देश में पहली तरह का अज्ञात और अवांछित निजी उद्यम था।

पंजाब के गवर्नर सर मैल्कम हैली के शब्दों में, “वह एक महान इंजीनियर और महान परोपकारी थे।”

इनके सम्मान में स्थापित महत्वपूर्ण भवन (Important buildings established in their honor)