सुब्रह्मण्यम जयशंकर (एस. जयशंकर) एक भारतीय राजनयिक और राजनीतिज्ञ हैं, जो वर्तमान में भारत के विदेश मंत्री हैं। वे 30 मई, 2019 से इस पद पर कार्यरत् हैं। डॉ. एस. जयशंकर न केवल भारत के अपितु विश्व के कूटनीतिक परिदृश्य में एक सम्मानित व्यक्तित्व हैं।
सुब्रह्मण्यम जयशंकर जन्म 9 जनवरी, 1955 को दिल्ली में हुआ थाI उनके पिता थे के. सुब्रह्मण्यम, जो भारतीय रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ और एक प्रसिद्ध सिविल सेवक थे। उनकी माता का नाम सुलोचना जयशंकर था। एस. जयशंकर के दो भाई हैं - संजय सुब्रह्मण्यम और सुब्रह्मण्यम विजय कुमार है। संजय सुब्रह्मण्यम एक प्रसिद्ध इतिहासकार हैं और सुब्रह्मण्यम विजय कुमार एक सिविल सेवक रह चुके हैं।
जयशंकर की पहली पत्नी शोभा जयशंकर थीं। कैंसर के कारण उनका देहांत हो गया। एस. जयशकर ने दूसरी शादी जापान में जन्मी क्योको जयशंकर (क्योको सोमेकावा) से की। क्योको और जयशंकर का जन्मदिन एक ही तारीख यानी 9 जनवरी को आता है। शादी के बाद क्योको ने हिंदू धर्म अपना लिया। जयशंकर दम्पति की तीन संतानें - ध्रुव, अर्जुन और बेटी मेधा हैं। बेटी मेधा लॉस एंजिलिस में फिल्म डायरेक्टर हैं। बेटे ध्रुव अमेरिका की एक थिंक टैंक में कार्य करते हैं।
प्रारंभिक शिक्षा उन्होंने एयर फ़ोर्स सेंट्रल स्कूल, नई दिल्ली से प्राप्त की। तत्पश्चात्, सेंट स्टीफंस कॉलेज, नई दिल्ली से स्नातक और इसके बाद जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली से इंटरनेशनल रिलेशनशिप में एमफिल और पीएचडी की डिग्री प्राप्त की।
पूरा नाम | सुब्रह्मण्यम जयशंकर |
उम्र | 68 साल (2023) |
जन्म तारीख | 9 जनवरी 1955 |
जन्म स्थान | नई दिल्ली |
शिक्षा | एमए, एमफिल और पीएचडी |
कॉलेज | जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली |
वर्तमान पद | विदेश मंत्री |
व्यवसाय | राजनेता और पूर्व सिविल सेवक |
राजनीतिक दल | भारतीय जनता पार्टी |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
पिता का नाम | स्वर्गीय श्री कृष्णस्वामी सुब्रह्मण्यम |
माता का नाम | श्रीमती सुलोचना सुब्रह्मण्यम |
पत्नी का नाम | क्योको सोमेकावा जयशंकर |
बच्चे | दो बेटें और एक बेटी |
बेटे का नाम | ध्रुव और अर्जुन |
बेटी का नाम | मेधा |
स्थाई पता | बंगला नंबर 9, 23 पृथ्वीराज रोड, नई दिल्ली |
वर्तमान पता | ई ब्लॉक, केंद्रीय सचिवालय, नई दिल्ली, दिल्ली |
फोन नंबर | 011 -23011127, 23011165 |
ईमेल | s.jaishankar@sansad.nic.in |
राजनीति में प्रवेश करने से पूर्व डॉ. जयशंकर का कूटनीति में एक लंबा और शानदार करियर रहा। उन्होंने 2015 से 2018 तक भारत के विदेश सचिव के रूप में कार्य किया। जयशंकर की इस शानदार यात्रा की शुरुआत वर्ष 1977 में आरम्भ हुई, जब वे भारतीय विदेश सेवा में चयनित हुए। डॉ. एस. जयशंकर वस्तुतः 1977 बैच के आईएफएस अफसर (भारतीय विदेश सेवा अधिकारी) हैं।
उन्होंने कई महत्वपूर्ण राजनयिक पदों पर काम किया है। वह 2015-18 तक विदेश सचिव, संयुक्त राज्य अमेरिका (2013-15), चीन (2009-2013) और चेक गणराज्य (2000-2004) में राजदूत थे। वह सिंगापुर में उच्चायुक्त (2007-2009) थे।
विदेशी मामलों और कूटनीति में उनकी विशेषज्ञता को पूरे विश्व में ही बहुत महत्त्व दिया जाता है। उनकी इसी विशेषज्ञता से प्रभावित होकर मोदी मंत्रिमंडल में उन्हें विदेश मंत्री बनाया गया। विदेश मंत्री के रूप में, जयशंकर ने भारत की विदेश नीति के विभिन्न पहलूओं पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, विभिन्न वैश्विक प्लेटफार्मों पर देश का प्रतिनिधित्व किया है और कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों को भारतीय दृष्टिकोण से संबोधित किया है। वह अन्य देशों के साथ भारत के संबंधों को बेहतर बनाने और जटिल वैश्विक चुनौतियों से निपटने में अपने चतुर कूटनीतिक कौशल और रणनीतिक सोच के लिए जाने जाते हैं। अधिकतर समीक्षक उनकी नीतियों को यथार्थवादी मानते हैं।
वर्तमान में, डॉ. जयशंकर विदेश मंत्री के साथ-साथ भारत के उच्च सदन, राज्यसभा, के सदस्य भी हैं।
डॉ. सुब्रमण्यम जयशंकर न केवल एक कुशल राजनेता और विदेश मामलों के जानकार हैं अपितु एक बेहतरीन चिंतक भी हैं। इसका प्रमाण है उनके द्वारा लिखी गयी पुस्तकें। दरअसल, उन्होंने दो पुस्तकें लिखी हैं - ‘परिवर्तनशील विश्व में भारत की रणनीति (The India Way: Strategies for an Uncertain World)’ और वाय भारत मैटर्स (Why Bharat Matters)। इन पुस्तकों में उन्होंने भारत का पक्ष दृढ़तापूर्वक दुनिया के समक्ष रखा।
वर्ष 2019 में एस. जयशंकर को भारतीय कूटनीति में उनके योगदान के लिए भारत सरकार की ओर से पद्मा श्री से सम्मानित किया गया।