सुषमा स्वराज एक भारतीय महिला राजनीतिज्ञ थीं। दिल्ली की मुख्यमंत्री से लेकर भारत की विदेश मंत्री रह चुकी सुषमा स्वराज ने अपनी कार्यशैली से अलग पहचान बनाई। इसके अलावा सुषमा स्वराज कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं।
नाम | सुषमा स्वराज |
अन्य नाम | सुषमा शर्मा |
जन्म | 14 फरवरी 1952 |
जन्म स्थान | अम्बाला छावनी, तत्कालीन पंजाब, भारत |
पिता | हरदेव शर्मा |
माता | लक्ष्मी देवी |
पेशा | राजनीतिज्ञ |
राजनीतिक दल | भारतीय जनता पार्टी |
उपलब्धि | दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री, भारत की पहली महिला विदेश मंत्री |
शिक्षा | लॉ, पंजाब विश्वविद्यालय (चंडीगढ़) |
मृत्यु | 6 अगस्त 2019 |
सुषमा स्वराज का जन्म जिस परिवार में हुआ था वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ा हुआ था। एनसीसी की सर्वश्रेष्ठ कैडेट हो चाहें किसी राजनैतिक दल की राष्ट्रीय वक्ता, सुषमा इन सब कार्यों में पारंगत थी। अपनी इसी क्षमता के कारण सुषमा स्वराज 3 वर्ष तक लगातार एनसीसी की सर्वश्रेष्ठ कैडेट चुनी गईं। इसके साथ ही तीन वर्ष तक राज्य की सर्वश्रेष्ठ हिंदी वक्ता के रूप में खुद को स्थापित किया। 1973 में ही पंजाब विश्वविद्यालय ने सर्वोच्च वक्ता से सम्मान से सम्मानित किया।
सुषमा स्वराज के पति स्वराज कौशल पहले सर्वोच्च न्यायालय में अधिवक्ता थे। सुषमा भी वहां अधिवक्ता थी। 13 जुलाई 1975 को दोनों ने विवाह कर लिया। इनके पति बाद में छह साल तक राज्यसभा में सांसद रहे। भारत सरकार ने इन्हें इनके कार्य को देखते हुए मिजोरम का राज्यपाल बना दिया। संतान के रूप में इन्हे एक बेटी है बांसुरी स्वराज। बांसुरी इस समय लंदन के िनेर टेम्पल में वकालत कर रही हैं।
सुषमा स्वराज 70 के दशक में ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़ गयी। सबसे ज्यादा सक्रिय वह आपातकाल के समय में रहीं जब उन्होंने जेपी नारायण के साथ मिलकर आंदोलन में भागीदारी की। परिणामस्वरूप आपातकाल के खत्म होने पर उन्होंने जनता पार्टी की सदस्यता ले ली। पहली बार हरियाणा के विधान सभा चुनावों में जीत दर्ज की। 1977 में चौधरी देवी लाल की सरकार में श्रम मंत्री बनीं। सुषमा स्वराज ने 25 साल की उम्र में ही कैबिनेट मंत्री बनने का रिकॉर्ड बनाया।
67 साल की आयु में 6 अगस्त, 2019 की रात सुषमा स्वराज का दिल्ली में निधन हो गया।