वहीदा रहमान भारतीय सिनेमा की एक प्रतिष्ठित और बहुप्रशंसित अभिनेत्री हैं, जिनकी सादगी, अभिनय क्षमता और व्यक्तित्व ने दशकों तक दर्शकों के दिलों में जगह बनाई है। उनका जन्म 3 फरवरी 1938 को तमिलनाडु के चेंगलपट्टु में हुआ था। उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत तेलुगु फिल्म ‘रोझुलु मरायी’ (1955) से की, लेकिन उन्हें असली पहचान हिंदी सिनेमा में गुरु दत्त की फिल्म ‘सीआईडी’ (1956) से मिली।
वहीदा रहमान का जीवन परिचय – Waheeda Rehman Biography
जन्म | 3 फ़रवरी 1938 विजयवाड़ा, आन्ध्र प्रदेश, ब्रिटिश भारत |
पेशा | अभिनेत्री |
कार्यकाल | 1955–1991, 2002–वर्तमान |
जीवनसाथी | शशि रेखी |
प्रारंभिक जीवन और करियर
वहीदा रहमान का सपना डॉक्टर बनने का था, लेकिन जीवन ने उन्हें एक अलग राह पर ले जाया। जब गुरु दत्त ने उन्हें मुंबई बुलाया, तब उन्होंने हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा। ‘प्यासा’ (1957), ‘कागज़ के फूल’ (1959), ‘चौदहवीं का चाँद’ (1960) और ‘साहिब बीबी और गुलाम’ (1962) जैसी फिल्मों में उनके अभिनय ने उन्हें एक गंभीर और प्रतिभाशाली अभिनेत्री के रूप में स्थापित किया।
अभिनय शैली
वहीदा रहमान की खासियत उनका भावनात्मक और स्वाभाविक अभिनय था। उन्होंने जिस तरह से चरित्रों में जान डाली, वह अपने समय से काफी आगे था। उनकी आंखों की भाषा और शांत भाव-भंगिमाएं आज भी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देती हैं।
पुरस्कार और सम्मान
वहीदा रहमान को उनके योगदान के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, फिल्मफेयर पुरस्कार, पद्म श्री (1972), पद्म भूषण (2011), और हाल ही में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार (2023) शामिल हैं। यह पुरस्कार भारतीय सिनेमा में उनके जीवनपर्यंत योगदान को सम्मानित करने के लिए दिया गया।
व्यक्तिगत जीवन
उन्होंने अभिनेता कमलजीत से विवाह किया और उनके दो बच्चे हैं। फ़िल्मों से दूरी बनाने के बाद भी वहीदा रहमान सामाजिक कार्यों में सक्रिय रही हैं और उन्होंने कई युवा कलाकारों को प्रेरित किया है।
वहीदा रहमान न केवल एक उत्कृष्ट अभिनेत्री हैं, बल्कि एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व भी हैं। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि प्रतिभा, समर्पण और सादगी के साथ कोई भी व्यक्ति अमरता की ऊँचाइयों को छू सकता है। भारतीय सिनेमा में उनका योगदान सदैव याद रखा जाएगा।