24 साल बाद कांग्रेस पार्टी को मिलेगा गैर गांधी अध्यक्ष, आइए जानते हैं क्या है पूरी स्ट्रैटिजी

पूरे चौबीस साल बाद कांग्रेस को गैर गांधी अध्यक्ष मिलने जा रहा है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने
साफ कर दिया है कि वह चुनाव लड़ेंगे।इसके साथ उन्होंने राहुल गांधी को लेकर भी तस्वीर साफ कर दी।

गहलोत के मुताबिक, राहुल ने कहा कि इस बार गांधी परिवार का कोई व्यक्ति अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेगा।
ऐसे में साफ है कि नया अध्यक्ष गैर गांधी होगा। अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए शनिवार से नामांकन शुरू हो
जाएंगे। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान केरल में अशोक गहलोत ने राहुल गांधी से मुलाकात की।

मुलाकात के दौरान राहुल गांधी को अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के लिए मनाने की कोशिश की। पर राहुल गांधी
अपने रुख पर अड़े रहे गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि कई बार आग्रह करने के बावजूद राहुल ने साफ कहा कि
हमने फैसला कर लिया है कि इस बार कोई गांधी परिवार का व्यक्ति उम्मीदवार नहीं बनेगा। इसलिए यह तय
किया है कि अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे।

तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर के कांग्रेस के अध्यक्ष के चुनाव लड़ने के बारे में सवाल किए जाने पर उन्होंने
कहा कि पार्टी के अन्य मित्र भी चुनाव लड़ सकते हैं। किसी के चुनाव लड़ने पर उन्हें कोई ऐतराज नहीं है। पर
नतीजों के बाद हम सभी को ब्लॉक गांव और जिला स्तर पर मजबूत बनाने के लिए साथ मिलकर काम करना
चाहिए और पार्टी की विचारधारा को आधार बनाकर आगे बढ़ना है। ताकि, पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत बनकर
उभरे।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जल्द कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करेंगे। यह
लगभग तय है कि वह पार्टी के नए अध्यक्ष होंगे। ऐसे में राजस्थान के नए मुख्यमंत्री को लेकर जोर आजमाइश
तेज हो गई है। एक व्यक्ति एक पद के फॉर्मूले पर पार्टी के. वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की नसीहत के बाद यह माना
जा रहा था कि गहलोत मुख्यमंत्री का पद छोड़ देंगे। पर शिरडी में साई बाबा के दर्शन के बाद उन्होंने एक बार फिर
दोहराया कि वह आजीवन प्रदेश के लोगों की सेवा करना चाहते है। यह कहने में गलत क्या है। इससे एक दिन
पहले गुरुवार को कोच्चि में मीडिया से बात करते हुए अशोक गहलोत ने कहा था कि नए मुख्यमंत्री का फैसला
पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रदेश प्रभारी अजय माकन करेंगे।

1998 से कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी गांधी परिवार के पास है। वर्ष 1998 से 2017 तक लगातार 19 वर्षों
तक सोनिया गांधी पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालती रहीं। वर्ष 2017 से 2019 तक राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष
रहे। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद राहुल गांधी ने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद
एक बार फिर सोनिया गांधी पार्टी अध्यक्ष के तौर पर कांग्रेस की जिम्मेदारी संभाल रही है।