अटल बिहारी वाजपेयी – Atal Bihari Vajpayee

अटल बिहारी वाजपेयी एक भारतीय राजनीतिज्ञ, राजनेता और कवि थे जिन्होंने कई दशकों तक भारतीय राजनीति में प्रमुख भूमिका निभाई। वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य थे। अटल बिहारी वाजपेयी 3 बार भारत के प्रधानमंत्री रहे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में आजीवन अविवाहित रहने वाले अटल बिहारी अपने दृढ़ निश्चय और कार्यों के लिए भी अपने नाम की तरह अटल थे।

अटल बिहारी वाजपेयी की जीवनी - Atal Bihari Vajpayee Biography

नाम अटल बिहारी वाजपेयी 
जन्म 25 दिसंबर 1924 
जन्म स्थान ग्वालियर, मध्य प्रदेश, भारत 
पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी
माता  कृष्णा देवी
शिक्षा आगरा विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में परास्नातक
पेशा राजनीतिज्ञ 
महत्त्वपूर्ण पद प्रधान मंत्री 
सम्मानभारत रत्न, पद्म विभूषण 
मृत्यु 16 अगस्त 2018

“वही मन्जिल वही कमरा, वही खिड़की वही पहरा
राज बदला ताज बदला, पर नहीं समाज बदला"

अटल बिहारी वाजपेयी

राजनीतिक जीवन - Political life

वर्ष 1942 में, 16 साल की आयु में अटल बिहारी वाजपेयी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सक्रिय सदस्य बन गए। अगस्त, 1942 में, भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान वाजपेयी और उनके बड़े भाई प्रेम को 24 दिनों के लिए गिरफ्तार कर लिया गया था।

वर्ष 1951 में, अटल बिहारी वाजपयी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से ‘भारतीय जन संघ’ में भेजा गया। उन्हें दिल्ली स्थित उत्तरी क्षेत्र के प्रभारी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था।

1957 के भारतीय आम चुनाव में, वाजपेयी ने भारतीय संसद के निचले सदन लोकसभा के लिए चुनाव लड़ा। यद्यपि वह मथुरा में राजा महेंद्र प्रताप से हार गए, लेकिन बलरामपुर से लोकसभा चुनाव जीत गए।

दीन दयाल उपाध्याय की मृत्यु के बाद जनसंघ का नेतृत्व वाजपेयी के हाथ में आ गया। वह 1968 में जनसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने।

प्रधानमंत्री के रूप में - As Prime Minister

भारत के प्रधान मंत्री के रूप में अटल बिहारी वाजपेयी का इतिहास भी काफी उल्लेखनीय है। वे तीन कार्यकालों तक देश के प्रधानमंत्री रहे। 

वर्ष 1996 में उन्होंने भारत के 10वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। हालाँकि, जब भारतीय जनता पार्टी लोकसभा में बहुमत बनाने में विफल रही, तो वाजपेयी ने 13 दिनों की अवधि के बाद ही इस्तीफा दे दिया क्योंकि यह स्पष्ट हो गया कि उनके पास सरकार बनाने के लिए आवश्यक समर्थन नहीं था।

प्रधान मंत्री के रूप में उनका दूसरा कार्यकाल 1998 के आम चुनावों के बाद शुरू हुआ जिसके परिणामस्वरूप राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का गठन हुआ। अटल बिहारी वाजपेई के नेतृत्व वाली यह सरकार कुल 13 महीने तक चली। अटल बिहारी वाजपेई का तीसरा और अंतिम कार्यकाल 1999 से 2004 तक पूरे 5 साल की अवधि तक चला।

साहित्य में थी विशेष रूचि - Had special interest in literature

अटल बिहारी वाजपेयी राजनीतिज्ञ होने के साथ साथ कवि भी थे। मेरी इक्यावन कवितायेँ अटल बिहारी वाजपेयी जी का महत्त्वपूर्ण रचना संग्रह है। जो उन्होंने अपने जेल के दिनों में लिखा था। अटल बिहारी वाजपेयी जी ने किशोरावस्था में ही एक अद्भुत कविता लिखी थी - ''हिन्दू तन-मन हिन्दू जीवन, रग-रग हिन्दू मेरा परिचय", जिससे यह पता चलता है कि बचपन से ही उनका रुझान देश हित की तरफ था।

खराब स्वास्थ्य के चलते हुई मृत्यु - Death due to ill Health

वर्ष 2009 में वाजपेयी को दौरा पड़ा जिससे उनका स्वास्थय काफी खराब रहने लगा। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया कि वह व्हीलचेयर पर निर्भर थे और लोगों को पहचान नहीं पाते थे। उन्हें मनोभ्रंश (dementia) और दीर्घकालिक मधुमेह (long-term diabetes) भी था।

11 जून, 2018 को, किडनी में संक्रमण के बाद वाजपेयी को गंभीर हालत में एम्स में भर्ती कराया गया था। 16 अगस्त, 2018 को शाम 5:05 बजे 93 वर्ष की आयु में उन्हें आधिकारिक तौर पर मृत घोषित कर दिया गया।

17 अगस्त की सुबह, भारतीय ध्वज से लिपटा हुआ वाजपेयी का पार्थिव शरीर भारतीय जनता पार्टी मुख्यालय ले जाया गया, जहां पार्टी कार्यकर्ताओं ने दोपहर 1 बजे तक उन्हें श्रद्धांजलि दी।

बाद में दोपहर 4 बजे, राजघाट के पास राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ वाजपेयी का अंतिम संस्कार किया गया, और उनकी चिता को उनकी दत्तक पुत्री ‘नमिता कौल भट्टाचार्य’ ने मुखाग्नि दी। 19 अगस्त को कौल द्वारा उनकी अस्थियों को हरिद्वार में गंगा नदी में विसर्जित कर दिया गया।

सम्मान - Award