UP Nikay Chunav 2023 – क्या गाजियाबाद निकाय चुनाव में मेयर आशा शर्मा को फिर से टिकट मिलेगी ?

नगर निकाय चुनाव का बिगुल बज चुका है, चुनाव आयोग द्वारा रविवार को चुनाव की अधिसूचना एवम् कार्यक्रम का ब्यौरा जारी कर दिया गया है। गाजियाबाद में 11 मई को इलेक्शन होंगे, 24 अप्रैल नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख रखी है।

जैसे-जैसे नामांकन की तारीख पास आ रही है, वैसे ही जिले में सभी पार्टियों में सरगर्मियाँ तेज होती जा रही है, निर्दलीय भी अपनी किस्मत आजमाने के लिए मैदान में दिखने लगे है। सबसे ज्यादा होड़ बीजेपी में देखने को मिल रही है। आप और समाजवादी पार्टी के टिकट पाने वालो की भी एक लंबी भीड़ है।

गाजियाबाद में मेयर पद के लिए इस बार फिर से महिला सीट आरक्षित होने के बाद महिला नेत्रियों और पुरुष नेता भी अपने सगे सम्बन्धियों को टिकट दिलाने के लिए उच्च नेतृत्व से संपर्क कर दावेदारी प्रस्तुत कर रहे है।

बीजेपी की तरफ से शिक्षाविद एवम् समाज सेवी ऋचा सूद (Richa Sood) जी अपने व्यवहार के कारण एक मजबूत दावेदारी पेश करती है। वहीं पिछली बार आशा शर्मा (Asha Sharma) जी से निर्दलीय का नामांकन वापिस ले लिया गया था इसलिए इस बात को लेकर उनके साथ सहानुभूति भी है। बीजेपी की तरफ से गाजियाबाद की महिला मोर्चा की अध्यक्षा पूनम कौशिक (Poonam Kaushik) जी महिलाओ के बीच अपनी लोकप्रियता और एक पुरानी कार्यकर्ता होने के कारण अपनी दावेदारी को मजबूती से रखती नज़र आ रही है। उदिता त्यागी (Udita Tyagi)जी वरिष्ठ बीजेपी नेत्री, त्यागी समाज की होने की वजह से और बीजेपी में किए गए अपने कार्यों से अपनी दावेदारी ठोक रही है। शिक्षाविद डॉ सपना बंसल (Dr Sapna Bansal) जी विकास की नई सोच के कारण वैश्य अग्रवाल समाज में अपनी अलग पहचान रखती है। कहना गलत नहीं होगा 10 से ज्यादा महिला प्रत्याशी बीजेपी से टिकट पाने की अपनी मजबूत दावेदारी ठोक रही है।

वहीं दूसरी तरफ मेयर आशा शर्मा जी की दावेदारी एक बार फिर से काफी मज़बूत मानी जा रही है। इसकी एक बड़ी वजह उनकी ईमानदार छवि और विकास को बताया जा रहा है। गाजियाबाद नगर निगम के अंतर्गत वेस्ट मैनेजमेंट से लेकर टैक्स कलेक्शन के मोर्चे पर आशा शर्मा के कार्यकाल में बेहतर काम हुआ है। कोरोनो के समय में उनके द्वारा किए गए कार्यों को पूरे गाजियाबाद के लोगो ने सराहा है। उस मुश्किल घड़ी में जहाँ मौत का मातम था, लोग अपनो को खो रहे थे, खाने के लाले पड़े हुए थे उन्होंने आम जनता की मदद करने का हर संभव प्रयास किया।

पहले नगर निगम का देश में 367 वा स्थान था। अब नगर निगम 12 वें स्थान पर है। नगर निगम में बहुत विकास किया गया है। इसके अलावा पिछले चुनाव में उनकी जीत का अंतर भी एक मजबूत पक्ष रखता है।