मॉस्को से ट्रेन के रास्ते कोयला पहुँचा भारत, पाकिस्तान का बढ़ा दुःख दर्द - Coal reached India via train from Moscow, Pakistan's pain increased
भारत और रूस की दोस्ती हमेशा से बरकरार रही है। भारत के दोस्ताना रवैये के कारण दुःख, दर्द, पीढ़ा, कुंठा, संत्रास झेल रहा पाकिस्तान रूस के तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाकर अब खुद को रूस के रेलवे नेटवर्क के साथ जोड़ना चाहता है। ऐसा करके वह अमेरिकी प्रतिबंधों से बचने के उपाय ढूंढ रहा है।
इन दिनों पाकिस्तान रूस के साथ दोस्ती बढ़ाने को लेकर सक्रिय हुआ है। दरअसल अभी हाल ही में भारत ने रूस से कोयला मंगाने के लिए रेल मार्ग के रूप में एक विकल्प स्थापित किया है। अब पाकिस्तान भी ऐसे ही विकल्प की खोज में लग हुआ है। जिसके लिए पाकिस्तान विदेश मंत्रालय का प्रतिनिधि मंडल रूस जाकर प्लान पेश करने की योजना बना रहा है।
पाकिस्तान के रेलवे सचिव ने रूस और मध्य एशिया देशों के साथ जुड़ने के लिए तीन महत्वपूर्ण रेल मार्गों की रूपरेखा तैयार की।
पाकिस्तान के इस प्लान में क्वेटा-ताफ्तान रेल नेटवर्क को अपग्रेड करना शामिल है, जिसके समझौता ज्ञापन (MoU) पर जून 2024 में पहले ही हस्ताक्षर किए जा चुके हैं। दूसरा रेल रूट कोहाट-खरलाची रेल नेटवर्क है जो अफगानिस्तान के जरिए मिडिल ईस्ट को जोड़ेगा। तीसरा मार्ग मिनेलिक एक्सप्रेस, अजरबैजान और रूस के बाजारों तक पहुंचने के लिए रेको डिक को ग्वादर से जोड़ेगा, जिससे खनिजों के परिवहन की लागत में कमी आएगी।
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने आगाह किया है कि रूसी कंपनियों पर प्रतिबंध लगे हैं, जो चुनौतियों को बढ़ा सकते हैं। हालांकि इस बात पर इसने प्रकाश डाला कि तुर्की जैसे अन्य देश अपनी-अपनी मुद्राओं में लेनदेन कर रहे हैं। इस महीने की शुरुआत में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के मौके पर शहबाज शरीफ के साथ बैठक के दौरान पाकिस्तान को कच्चे तेल सहित ऊर्जा आपूर्ति में वृद्धि की पेशकश की। पाकिस्तान भारत की तरह अपनी विदेश नीति में भी विविधता लाने का प्रयास कर रहा है।