पूर्वोदय योजना के लिए बजट 2024 में क्या है खास? बिहार को मिली विशेष वित्तीय सहायता - What is special in Budget 2024 for Purvodaya Yojana? Bihar received special financial assistance
नए राष्ट्रीय राजमार्गों और गांवों में पक्की सड़कों के जरिए देश में आवागमन आसान बनाया जाएगा। छोटे शहरों में हवाई अड्डों, मेडिकल कॉलेजों और खेल सुविधाओं के बुनियादी ढांचे को मजबूत करके देश के विकास की कहानी लिखी जाएगी। सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो जीडीपी का 3.4 प्रतिशत है।
सरकार पूर्वोदय योजना के तहत 26 हजार करोड़ रुपये से बिहार में तीन एक्सप्रेस-वे और गंगा नदी पर एक पुल बनाएगी। इसमें पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस-वे, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेस-वे, बोधगया, राजगीर, वैशाली और दरभंगा एक्सप्रेस-वे बनाए जाएंगे। साथ ही बक्सर में गंगा नदी पर दो लेन का पुल भी बनाया जाएगा। आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम-चेन्नई औद्योगिक गलियारे में कोप्पर्थी क्षेत्र और हैदराबाद-बेंगलुरु औद्योगिक गलियारे में ओरवाकल क्षेत्र में पानी, बिजली, रेलवे और सड़क जैसी जरूरी बुनियादी सुविधाओं के लिए फंड मुहैया कराया जाएगा। इसके अलावा बिहार में नए एयरपोर्ट, मेडिकल कॉलेज और खेल संबंधी बुनियादी ढांचे का विकास किया जाएगा। 30 लाख से ज्यादा आबादी वाले 14 बड़े शहरों में ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट प्लान शुरू किए जाएंगे
बुनियादी ढांचे में निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा। सरकार राज्यों को उनकी विकास प्राथमिकताओं के अनुसार सहायता प्रदान करेगी। इस वर्ष भी राज्यों को संसाधन आवंटन में मदद के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये के दीर्घकालिक ब्याज मुक्त ऋण का प्रावधान किया गया है।
बाढ़ प्रबंधन के लिए सरकार उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश समेत पांच राज्यों को मदद देगी। बिहार में अक्सर बाढ़ आती है। नेपाल में बाढ़ नियंत्रण ढांचे बनाने की योजना अभी आगे नहीं बढ़ पाई है। सरकार 11,500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से वित्तीय सहायता देगी। असम को बाढ़ प्रबंधन और उससे जुड़ी परियोजनाओं के लिए सहायता मिलेगी। बाढ़ के कारण व्यापक नुकसान झेलने वाले हिमाचल को भी बहुपक्षीय सहायता के जरिए पुनर्निर्माण के लिए मदद मिलेगी। इसके अलावा उत्तराखंड और सिक्किम को भी जरूरी सहायता दी जाएगी, जहां भूस्खलन और बादल फटने से काफी नुकसान हुआ है।
शहरी बुनियादी ढांचे के विकास के लिए साप्ताहिक हाट समेत विशेष योजनाओं का खाका सरकार ने तैयार किया है। चुनिंदा शहरों में 100 साप्ताहिक हाट या स्ट्रीट फूड हब विकसित किए जाएंगे। 30 लाख से अधिक आबादी वाले 14 बड़े शहरों के लिए ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट योजनाएं शुरू की जाएंगी। जल प्रबंधन, जलापूर्ति, सीवेज ट्रीटमेंट और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के क्षेत्र में 100 बड़े शहरों में बैंकेबल परियोजनाओं के जरिए परियोजनाओं और सेवाओं को बढ़ावा दिया जाएगा।
नवाचार को बढ़ावा देने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का वित्तपोषण पूल बनाने की घोषणा की गई है। बुनियादी शोध और प्रोटोटाइप विकास के लिए एक राष्ट्रीय अनुसंधान कोष भी स्थापित किया जाएगा। किफायती ऊर्जा सुरक्षा के साथ-साथ उच्च संसाधन कुशल आर्थिक विकास को बनाए रखने के लिए नीति दस्तावेज तैयार किया जाएगा। इससे रोजगार, विकास और पर्यावरणीय स्थिरता की आवश्यकता के बीच संतुलन बनाए रखा जा सकेगा। बेहतर दक्षता वाले एडवांस्ड अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल (AUSC) थर्मल पावर प्लांट के लिए स्वदेशी तकनीक का विकास पूरा हो चुका है।