भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में चुनावी माहौल बन चुका है। यूपी के फिरोजाबाद जिले में सिरसागंज नगर में भी यह चुनावी माहौल देखा जा सकता है। आइए सिरसागंज नगर पालिका के बारे में जानकारी एकत्रित करते हैं।
सिरसागंज नगर पालिका का गठन वर्ष 1964 में हुआ था। 2011 की जनगणना के अनुसार सिरसागंज नगर पालिका की आबादी 32 हजार 98 और 26 हजार 205 मतदाता हैं। यह क्षेत्र साढ़े छह किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। इस नगर पालिका में छह हजार एक सौ नौ आवास बने हुए हैं। इस बार इस नगर पालिका का अध्यक्ष कौन चुना जाएगा, यह देखना काफी दिलचस्प होगा।
सिरसागंज नगर पालिका पहली बार 3 जनवरी 1964 को अस्तित्व में आई थी। उस समय इस नगर पालिका के गठन के दौरान अधिकारी आरसी सिन्हा और नायब तहसीलदार ऐम बी भटनागर मौजूद थे। इस छोटे से नगर में औद्योगिक और शिक्षण संस्थानों की कमी नहीं है। यहाँ के नगर वासियों के लिए सड़क और पानी की उचित व्यवस्था को सुनिश्चित किया गया है।
सिरसागंज नगर पालिका क्षेत्र में आलू की उपज काफी अच्छी है। जो किसान पहले गेहूं और बाजरे की फसल उगाया करते थे अब उन्होंने ने भी आलू की खेती करना शुरू कर दिया है। यही वजह है कि यहाँ शीतग्रहों की संख्या काफी ज्यादा है और इनकी संख्या में लगातार इजाफा भी किया जा रहा है।
इस नगर पालिका की सबसे बड़ी समस्या बस स्टैंड का ना होना है। इसकी वजह से लोगों को कहीं आने जाने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बस स्टैंड के लिए यहाँ आम जनता द्वारा कई बार धरना प्रदर्शन भी किया जा चुका है। इसके अलावा पानी की पाइप लाइन नही डाली गई है, जिसकी वजह से जनता को पीने का पानी नहीं मिल पाता। जल निकासी के लिए नालियों की व्यवस्था को भी दुरुस्त करने की सख्त जरूरत है।
नवंबर 1988 में रामप्रकाश अग्रवाल अध्यक्ष चुने गए थे। इनके बाद दिसंबर 1995 में सुमन चतुर्वेदी, दिसंबर 2000 में सरोज शर्मा, नवंबर 2005 में राघवेन्द्र सिंह और अगस्त 2010 में संजीव यादव नगर पालिका के अध्यक्ष चुने गए थे।