बीजेपी के लिए चुनौती बने विधानसभा उपचुनाव, कुछ सीटों पर कड़ा हुआ मुकाबला Assembly by-elections become a challenge for BJP, tough competition on some seats
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के लिए विधानसभा उप चुनाव किसी चुनौती से कम नहीं नजर आ रहे हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के कारण शीर्ष नेतृत्व ने सारा ध्यान विधान सभा उपचुनाव पर केंद्रित कर दिया है। पार्टी का पूरा फोकस 10 सीटों में से अधिकतम सीटें जीतने पर है। पार्टी हर हाल में अधिकांश सीटें जीतकर अपने कार्यकर्ताओं के हौसला बनाये रखना चाहती है।
वैसे तो भाजपा के लिए सभी सीटें जीतना महत्त्वपूर्ण हो जाता है लेकिन 3 सीटें ऐसी हैं जहां भाजपा सीधे समाजवादी पार्टी के गढ में चुनाव लड़ रही है। ऐसे में भाजपा के लिए ये तीनों सीट महत्त्वपूर्ण बन जाती हैं।
इन तीनों में जो सबसे ज्यादा खेल बिगाड़ने वाली सीट है वह है ‘करहल’। करहल सीट पर अभी तक अखिलेश यादव का कब्जा था। लेकिन अखिलेश यादव के कन्नौज से सांसद बनने पर उन्होंने यह सीट छोड़ दी है। अब इस सीट पर उपचुनाव होने हैं। दूसरी सीट है मुरादाबाद की कुंदरकी। कुंदरकी सीट से सपा के जियाउर रहमान विधायक बने थे। अब उनके संभल सीट से सांसद बनने पर यह सीट खाली हो गयी है। तीसरी मुश्किल सीट है मिल्कीपुर। इस विधानसभा सीट से सपा के अवधेश प्रसाद विधायक थे। सपा ने उन्हें फैजाबाद (अयोध्या) से संसद का टिकट दिया और उन्होंने जीत दर्ज की।
इन सीटों के प्रभारी मंत्रियों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हफ्ते में दो दिन और रात गुजारने के आदेश दिए। साथ में वोटर लिस्ट दुरुस्त करने, कार्यकर्ताओं को एक्टिव कर अभी से फील्ड में उतारने के आदेश दिए। मंत्रियों से कहा गया कि जब तक उपचुनाव नहीं हो जाते वो सीट का खास ध्यान रखें,कार्यकर्ताओ और जनता से लगातार संवाद बनाएं रखें।
भाजपा नेताओं और मंत्रियों का लगातार सभाओं का दौर जारी है। सीएम योगी की मीटिंग में इस बात पर चर्चा हुई कि अगर बीजेपी यहां मजबूत उम्मीदवार उतारे तो क्या सपा का मुकाबला कर पायेगी? क्या यादव वोट सपा से टूटेगा या फिर यहां शाक्य उम्मीदवार उतारना चाहिए? सारे कयास लगाते हुए सारी योजनाओं पर कार्य करते हुए मंथन किया जा रहा है।