हिंदू धर्म में पूजा के दौरान भगवान को नारियल चढ़ाने का बहुत महत्व है। ऐसे में आइए जानते हैं भगवान को नारियल कब चढ़ाना चाहिए और किस भगवान को कौन सा नारियल चढ़ाना चाहिए।
सनातन परंपरा में प्रत्येक शुभ कार्य के दौरान श्रीफल स्थापना और पूजन का विधान है। श्रीफल यानी नारियल की पूजा करना न केवल शुभ माना जाता है बल्कि लाभकारी भी होता है। घर में नारियल रखना भी अच्छा होता है। मान्यता है कि घर में नारियल रखकर उसकी पूजा करने से मां लक्ष्मी का वास होता है और उनकी कृपा बनी रहती है। मन्नत पूरी करते समय भगवान को नारियल भी चढ़ाया जाता है। हालांकि नारियल चढ़ाने के कुछ नियम और एक समय होता है।
धार्मिक कार्यों में नारियल का महत्व
पूजा-पाठ से लेकर विवाह, गृह प्रवेश, तीज-त्योहार आदि शुभ कार्यों में नारियल की पूजा करना महत्वपूर्ण माना गया है।
साप्ताहिक व्रत आदि में भी भगवान को नारियल चढ़ाने से घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है।
मन्नत पूरी होने पर या किसी खास मकसद से की गई पूजा के बाद भी नारियल को फोड़कर भगवान को चढ़ाया जाता है।
हालाँकि, हिंदू धर्म में नारियल को तोड़कर चढ़ाना कुछ स्थितियों में गलत माना जाता है। हर देवी-देवता के सामने नारियल नहीं फोड़ना चाहिए।
भगवान को कब चढ़ाएं नारियल
शास्त्रों के अनुसार जब घर में कोई भी शुभ कार्य हो, खासकर विवाह, तो नारियल की पूजा करनी चाहिए और उसे भगवान को अर्पित करना चाहिए।
विवाह के अवसर पर भगवान को चढ़ाया गया नारियल भूलकर भी नहीं तोड़ना चाहिए। यह बहुत ही अशुभ माना जाता है।
इसके अलावा मन्नत पूरी होने पर भी नारियल नहीं फोड़ना चाहिए बल्कि पूरा नारियल भगवान को अर्पित कर देना चाहिए।
गृह प्रवेश के समय भी नारियल की पूजा करके उसे घर के मंदिर या तिजोरी में रखना चाहिए। पूजा का नारियल तोड़ने से घर में क्लेश आता है।
हालाँकि, आप दूसरा नारियल तोड़कर भी घर में प्रवेश कर सकते हैं। नये वाहन के पूजन में भी नारियल फोड़ा जा सकता है।
किस भगवान को कैसे चढ़ाएं नारियल
मां लक्ष्मी को हमेशा साबूत नारियल, फूल और फल चढ़ाना चाहिए। गीली गिरी वाला नारियल भी भगवान को अर्पित किया जा सकता है।
भगवान शिव और उनके किसी भी स्वरूप को नारियल नहीं चढ़ाना चाहिए। जटा नारियल सात्विक पूजा में नहीं बल्कि तामसिक पूजा में चढ़ाया जाता है।
वहीं आप केवल हनुमान जी को जटा वाला नारियल भी चढ़ा सकते हैं। किसी अन्य देवता को नहीं, विशेषकर विष्णु जी को।