भाई को तिलक लगाने के लिए यह मुहूर्त है अत्यंत शुभ

भाई को तिलक लगाने के लिए यह मुहूर्त है अत्यंत शुभ
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भाई-बहन का रिश्ता तमाम रिश्तों में सबसे पवित्र रिश्ता माना जाता है। त्यौहारों के इस सीजन में भाई दूज का त्यौहार इस रिश्ते में एक खास तरह की मिठास घोल देता है। भाई-दूज के इस पावन त्यौहार पर बहने अपने भाई को तिलक लगाती हैं और उनकी दीर्घ आयु की कामना करती हैं। वहीं इस शुभ अवसर पर भाई अपने बहनों को नेग देते हैं और उनके खुशहाल जीवन की कामना करते हैं। ऐसे में भाई-दूज के त्यौहार को अत्यंत शुभ एवं मंगलकारी बनाने के लिए आप सभी बहनों को विशेष रूप से शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना चाहिए और इसी शुभ मुहूर्त पर अपने भाई को तिलक लगाना चाहिए।
भाई दूज मुहूर्त 2022
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को यम द्वितीय या भाई दूज भी कहा जाता है। भाई दूज का शुभ मुहूर्त 26 अक्टूबर 2022 को दोपहर के समय 2:42 पर प्रारंभ होगा और यह मुहूर्त अगले दिन 27 अक्टूबर 2022 को 12:16 तक रहेगा। यह पर्व दोपहर के समय ही मनाया जाता है।
क्यों मनाया जाता है भाई दूज ?
प्रत्येक पर्व किसी न किसी पौराणिक कथा से सम्बन्ध रखता है। कहना का अभिप्राय यह है कि उस त्यौहार को मनाने का महत्व इन्ही कथाओं में समाहित होता है। भाई दूज का पर्व भी एक खास पौराणिक कथा से तालुक रखता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यमदेव अपनी बहन यमुना के घर दोपहर के भोजन पर गए थे। भाई के घर पधारने पर उनकी बहन ने उनका खूब आदर सत्कार किया था। केवल इतना ही नहीं उन्होंने अपने भाई को अपने हाथों से खाना खिलाया था। इस पर यमराज खूब प्रसन्न हुए और उन्होंने खुश होकर वरदान दिया कि आज के दिन बहन द्वारा अपने भाई को तिलक लगाने पर उन दोनों के पवित्र रिश्ते में और अधिक मिठास घुलेगी और उनका सम्बन्ध और अधिक मज़बूत होगा। इसके साथ ही भाई को लम्बी आयु का सुख प्रदान होगा। यही कारण है कि भाई दूज का त्यौहार दोपहर को मनाया जाता है।
26 अक्टूबर 2022 को 1:12 से लेकर 3:35 तक तिलक करने का शुभ मुहूर्त रहेगा।
क्या है विधि ?
आज के दिन सुबह स्नान करके भगवान गणेश का पूजन करें। इसके पश्चात यमदेव और यमुना माता का भी ध्यान करें और उनका पूजन करें। उनसे प्रार्थना करें कि भाई-बहन का यह रिश्ता हमेशा अटूट और प्रेम से परिपूर्ण रहे।
आप अपने भाई के लिए अपने हाथों से उसका मनपसंद भोजन बनाएं। तत पश्चात ताम्बा अथवा स्टील की एक थाली लेकर उसके बीचों बीच स्वास्तिक का चिह्न बनाएं। अब इस थाली में स्वास्तिक के ऊपर कुमकुम, रोली, मोली और अक्षत के रूप में साबुत चावल, कुछ सिक्के, सुपारी व नारियल रखें। अब इसी थाली में दीपक जलाकर अपने भाई की आरती करें।
यह सब करने के बाद अपने भाई को तिलक लगाएं और इस तिलक पर कुछ दाने अक्षत के लगाएं। नारियल के ऊपर सिक्के रख कर इसे अपने भाई की झोली में रखें। इसके बाद भाई को अपने बहन को अपने सामर्थ्य के अनुसार भेंट देनी चाहिए।
इन तमाम बिंदुओं से गुजरने के बाद बहन को भाई से आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए और साथ ही आज के दिन यम देव से अपने भाई की दीर्घायु की कामना करनी चाहिए।

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