छठ पूजा 2023 : सूर्य देव और छठी माता को समर्पित पर्व

छठ पूजा बहुत ही पवित्र त्योहार माना जाता है। यह त्यौहार सूर्य देव और छठी माता को समर्पित पर्व है। छठ पर्व या छठ पूजा कार्तिक शुक्ल षष्ठी से कार्तिक शुक्ल सप्तमी तक मनाया जाने वाला चार दिनों तक चलने वाला लोक पर्व है। यह पर्व दिवाली के 6 दिन बाद मनाया जाता है। छठ पर्व मुख्य रूप से उत्तर भारत के राज्य बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश एवं दिल्ली में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।

नहाय खाय को छठ पूजा उत्सव की शुरुआत माना जाता है।

छठ पर्व 2023 : तिथि व दिनांक

प्रथम दिन, नहाय खाय - 17 नवंबर, 2023
तिथि : कार्तिक / चैत्र शुक्ल चतुर्थी
दिल्ली में सूर्यास्त का समय: - 05:27 PM
पटना में सूर्यास्त का समय: - 05:00 PM

खरना - 18 नवंबर, 2023
तिथि : कार्तिक / चैत्र शुक्ल पंचमी
दिल्ली में सूर्यास्त का समय: - 05:26 PM
पटना में सूर्यास्त का समय: - 05:00 PM

छठ पूजा का संध्या अर्घ्य - 19 नवंबर, 2023 
तिथि : चैत्र शुक्ला षष्ठी / कार्तिक शुक्ल षष्ठी
दिल्ली में सूर्यास्त का समय: - 05:26 PM
पटना में सूर्यास्त का समय: - 05:00 PM

चौथा दिन, उषा अर्घ्य - 20 November, 2023
तिथि: कार्तिक / चैत्र शुक्ल सप्तमी
दिल्ली में सूर्योदय का समय: - 06:47 AM
पटना में सूर्योदय का समय: - 06:10 AM

प्रसाद बनाते समय इन बातों का रखें ध्यान

छठ पूजा में पवित्रता और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाता है। ऐसे में छठ पूजा के लिए प्रसाद बनाते समय इसे भूलकर भी खराब न करें और साथ ही इसे बनाने से पहले कुछ भी नहीं खाना चाहिए। अपनी स्वच्छता का पूरा ध्यान रखें। साथ ही जिस स्थान पर प्रसाद बनाया जाए वह स्थान भी बिल्कुल साफ-सुथरा होना चाहिए।

छठ पूजा के दौरान इन बातों का रखें ध्यान

ध्यान रखें कि छठ पूजा का प्रसाद बनाते समय चांदी, स्टील और प्लास्टिक के बर्तनों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसकी जगह मिट्टी के चूल्हे और बर्तनों का ही इस्तेमाल करना शुभ माना जाता है।

जानिए व्रत के नियम

छठ पर्व की पूजा के दौरान व्रत करने वाले भक्त को सूर्य देव को अर्घ्य देने से पहले कुछ भी नहीं खाना चाहिए। साथ ही व्रत करने वाले साधक को इस दौरान जमीन पर सोना चाहिए। इसके साथ ही छठ पूजा से करीब 10 दिन पहले केवल अरवा चावल और सेंधा नमक का ही उपयोग करना चाहिए।