शनिवार के दिन अमावस्या पड़ने पर इसे शनैश्चरी अमावस्या कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन गंगा स्नान करने से पुण्य कई गुना अधिक बढ़ जाता है। इस दिन स्नान, दान और पितरों का श्राद्ध करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।
माघ माह का तीसरा और सबसे मुख्य स्नान पर्व मौनी अमावस्या 21 जनवरी को है। इस दिन लाखों श्रद्धालु गंगा नदी में आस्था और विश्वास की डुबकी लगाते हैं। इस बार मौनी अमावस्या शनिवार के दिन है। इस दिन शनिदेव अपने भक्तों को विशेष आशीर्वाद देंगे और उनपर शनिदेव महाराज की विशेष कृपा बरसेगी।
उत्थान ज्योतिष संस्थान के पंडित दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली के अनुसार अमावस्या तिथि का आरंभ 20 जनवरी शुक्रवार को भोर में 5 बजकर 9 मिनट पर होगा। यह अमावस्या 21 जनवरी शनिवार को रात 2 बजकर 49 मिनट तक रहेगी।
पूर्वांचली के अनुसार इस दिन मौन धारण करके गंगा स्नान करना आपके लिए बेहद फलदाई साबित हो सकता है। माघ मास में गोचर करते हुए सूर्य जब चंद्रमा के साथ मकर राशि में संचरण करता है तो ज्योतिष शास्त्र में उस काल को मौनी अमावस्या कहा जाता है।