महाराष्ट्र राज्य जहाँ एक तरफ अपनी संस्कृति और विरासत के लिए प्रसिद्ध है, तो वहीं दूसरी तरफ वह अपने मंदिरों के लिए भी जाना जाता है। महाराष्ट्र में कई ऐसे प्रसिद्ध मंदिर हैं जहाँ न केवल पूरे भारत से बल्कि पूरी दुनिया से लोग इन मंदिरों के आध्यात्मिक वातावरण का अनुभव करने के लिए व मंदिर में भगवान के दर्शन करने के लिए आते हैं। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि महाराष्ट्र राज्य में हिंदू देवी-देवताओं को समर्पित कई ऐसे मंदिर मौजूद हैं, जिस कारण इस राज्य को लोगों की धार्मिक आस्था का केंद्र भी माना जाता है। आइए जानते हैं ऐसे ही महाराष्ट्र के 5 प्रसिद्ध मंदिरों (Top 5 Famous Temples In Maharashtra) के बारे में।
इस लेख में हम आपको महाराष्ट्र के 5 प्रसिद्ध मंदिर (त्र्यंबकेश्वर मंदिर, शिरडी साईं बाबा मंदिर, खंडोबा मंदिर, सिद्धिविनायक मंदिर और श्री महालक्ष्मी मंदिर) के बारे में जानकारी देंगे, जैसे ये मंदिर कहां पर स्थित है, इस मंदिर का निर्माण कब हुआ, ये मंदिर किस देवी-देवता को समर्पित है आदि। तो चलिए शुरू करते हैं।
1. श्री त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर (Shri Trimbakeshwar Jyotirling Temple)
श्री त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर नासिक में स्थित है, जो 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ज्योतिर्लिंग है। ये मंदिर ब्रह्मा, विष्णु और महेश (शिव) को समर्पित है। इस मंदिर के बारे में ऐसा कहा जाता है कि ये मंदिर उसी स्थान पर स्थित है जहाँ से गोदावरी नदी का उद्गम हुआ था।
2. शिरडी साईं बाबा मंदिर (Shirdi Sai Baba Temple)
शिरडी साईं बाबा मंदिर अहमदनगर जिले में स्थित है। ये मंदिर संत साईं बाबा को समर्पित है, जो एक विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है।
3. खंडोबा मंदिर (Khandoba Temple)
खंडोबा मंदिर जेजुरी की एक विशाल पहाड़ी पर स्थित है, जो महाराष्ट्र के प्रसिद्ध देवता खंडोबा को समर्पित है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए लगभग 300 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं।
4. श्री सिद्धिविनायक मंदिर (Shree Siddhivinayak Temple)
श्री सिद्धिविनायक मंदिर महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई शहर में स्थित है। ये मंदिर सर्वप्रथम पूजे जाने वाले भगवान गणेश को समर्पित है। गणपति बप्पा का ये मंदिर भारत ही बल्कि नहीं विदेशों में भी काफी प्रसिद्ध है। सिद्धिविनायक को भगवान गणेश जी का सबसे लोकप्रिय रूप माना जाता है।
5. श्री महालक्ष्मी मंदिर (Shri Mahalaxmi Temple)
श्री महालक्ष्मी मंदिर मुंबई शहर में स्थित है। ये मंदिर धन की देवी मां लक्ष्मी को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण राजा कर्णदेव ने 634 ई. में करवाया था।