कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भारत का हर राज्य अपनी एक विशिष्ट पहचान रखता है। यही कारण है भारत के हर राज्य का इतिहास भी अनूठा है। इन तमाम राज्यों की तरह भारत का एक महत्वपूर्ण राज्य बिहार भी है। बिहार का इतिहास बहुत पुराना है लेकिन सही मायनों में बिहार तब अस्तित्व में आया जब 22 मार्च 1912 में अंग्रेज़ों द्वारा बिहार को बंगाल प्रेजिडेंसी से अलग किया गया था। यानी बिहार की गौरवशाली यात्रा का इतिहास महज़ 110 साल पुराना है।22 मार्च के दिन बिहार के अस्तित्व में आने के बाद से ही इस दिन को बिहार दिवस(Bihar Diwas) के रूप में मनाया जाता है।
बिहार एक ऐसा राज्य है जो पूरे देश के लिए एक पथ प्रदर्शक की भूमिका निभाते हुए सामने आया है। बिहार के विषय में भारत के पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल मेन ने पहले ही इस बात का उल्लेख किया था कि अगर शिक्षा की स्थिति में सुधार हो जाए तो भारत का नेतृत्व आज भी बिहार ही कर सकता है। कलाम के शब्दों को देश भर में फैली इस प्रदेश की मेधा से जोड़ कर देखा जा सकता है।
1857 के प्रथम सिपाही विद्रोह में बिहार राज्य के बाबू कुंवर सिंह ने बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 1912 में बंगाल विभाजन के बाद ही बिहार नामक राज्य अस्तित्व में आया था। 1935 में उड़ीसा को इससे अलग कर दिया गया था। बिहार में अंग्रेज़ी शासन के खिलाफ हुए चंपारण के विद्रोह को अंग्रेज़ों के खिलाफ विद्रोह फैलाने के लिए एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना माना जाता है। वर्ष 2000 में एक बार फिर बिहार राज्य का विभाजन हुआ और झारखंड राज्य इससे अलग हो गया। भारत छोड़ों आंदोलन में भी बिहार राज्य की भूमिका एहम रही है।
ऐसी संभावना है कि बिहार का नाम बौद्ध विहारों के विहार शब्द पर रखा गया है जिसमें विहार शब्द के विकृत रूप 'बिहार' का प्रयोग किया गया है। यह क्षेत्र गंगा नदी तथा उसकी सहायक नदियों के उपजाऊ मैदानों पर बसा हुआ है। बिहार को पहले मगध नाम से सम्बोधित किया जाता था। वहीं बिहार की राजधानी पटना का नाम पहले पाटलिपुत्र हुआ करता था। बिहार के उत्तर में नेपाल, पूर्व में पश्चिम बंगाल, पश्चिम में उत्तर प्रदेश और दक्षिण में झारखण्ड स्थित है।
बिहार का क्षेत्रफल 94,163 वर्ग किलोमीटर है। इतने क्षेत्र में 91,838.28 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र ग्रामीण क्षेत्र है। बिहार की अनुमानित जनसंख्या 128,500,364 करोड़ है। झारखंड के अलग हो जाने के बाद बिहार की भूमि मुख्यत: नदियों के मैदान एवं कृषि योग्य समतल भूभाग है। आर्थिक रूप से बिहार एक पिछड़ा हुआ राज्य है जिसकी आय का मुख्य स्त्रोत कृषि है। इसके अलावा असंगठित व्यापार, निजी एवं सरकारी नौकरियाँ और छोटे उद्योग धंधे भी आय का मुख्य स्त्रोत हैं। बिहार की 75 प्रतिशत जनता आज भी कृषि पर निर्भर करती है।