राजधानी दिल्ली में डीडीए के सात जैव विविधता पार्कों में 76 किस्म की तितलियां रहती हैं। पार्कों में
सात दिन तक चले गणना कार्यक्रम के बाद इसका खुलासा किया गया। पिछले साल की तुलना में इस
बार तितलियों की पांच प्रजातियां ज्यादा रिकार्ड की गई हैं।
दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा सात अलग-अलग जगहों पर जैव विविधता पार्क का निर्माण किया गया
है। जहां पर पारिस्थितिक तंत्र को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके नतीजे भी अब
सामने आने लगे हैं। जहां एक तरफ इन पार्कों में हरियाली बढ़ी है, वहीं वन्यजीव भी पहले से ज्यादा
दिखने लगे हैं। सातों पार्कों में 10 से 16 अक्तूबर तक तितली गणना का कार्यक्रम संचालित किया गया।
इस दौरान सुबह दस बजे से बारह बजे के बीच अलग-अलग टीमों द्वारा तितलियों का रिकार्ड दर्ज किया
गया।
पिछले साल सातों पार्कों में कुल 71 प्रजाति की तितलियां देखी गई थीं। इस बार कुल 76 प्रजाति की
तितलियां देखी गई हैं। अरावली जैव विविधता पार्क में सबसे ज्यादा 68 प्रजातियों का रिकार्ड दर्ज किया
गया है।
कौन-कौन से हैं पार्क
यमुना जैव विविधता पार्क, अरावली जैव विविधता पार्क, नीला हौज, नार्दर्न रिज, तिलपथ वैली
तुलगलकाबाद और कालिंदी जैव विविधता पार्क में तितली गणना की गई।
सबसे ज्यादा दिखीं ये तितलियां तितली गणना कार्यक्रम के दौरान मोटल्ड ईमीग्रेंट, कॉमन ईमीग्रेंट, प्लेन
टाइगर, येलो ओरेंज टिप, कॉमन ग्रास येलो, स्ट्राइप्ड टाइगर, स्माल ग्रास येलो, लेमन पैंजी, लाइम
बटरफ्लाई और कॉमन गल प्रजाति की तितलियां सबसे ज्यादा दिखीं।
क्यों महत्वपूर्ण है तितली गणना
तितलियां बहुत सारे पेड़-पौधों का परागण करती हैं। पौधों का जीवन चक्र इनके ऊपर निर्भर रहता है।
इसलिए तितलियों की संख्या अच्छे पर्यावरण का संकेतक माना जाता है।