International Day of Happiness – 20 मार्च को मनाया जाता है इंटरनेशनल डे ऑफ़ हैप्पीनेस

वर्तमान परिदृश्य में हर कोई अपने जीवन में कामयाब होकर ऊँचे मुकाम को हासिल करना चाहता है। इस ऊँचे मुकाम को हासिल करने के पीछे का मुख्य उद्देश्य दौलत और शोहरत है। इस दौलत और शोहरत को कमाने की होड़ में अक्सर लोग अपने जीवन में खुश रहना भूल जाते हैं। जीवन में खुशी के महत्त्व को स्थापित करने के लिए ही 20 मार्च को इंटरनेशनल डे ऑफ़ हैप्पीनेस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को वर्ल्ड हैप्पीनेस डे और हैप्पीनेस डे के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य भलाई को स्थापित करके खुशहाल विश्व की स्थापना करना है।

क्यों मनाया जाता है इंटरनेशनल डे ऑफ़ हैप्पीनेस ?

संयुक्त राष्ट्रीय संघ द्वारा इस दिन को मनाने की शुरुआत वर्ष 2013 में की गई थी। यू एन ने इस दिन को मनाने की शरुआत इसलिए की थी ताकि दुनियाभर में लोग अपने जीवन में खुशहाली के महत्त्व को समझ पाएं। खुशहाली या प्रसन्नता जीवन का मौलिक उद्देश्य है। वर्ष 2017 में संयुक्त राष्ट्र ने 'सतत पोषणीय विकास' के 17 उद्देश्यों को दुनिया के सामने रखा जिनमें गरीबी का उन्मूलन, असमानता को खत्म करना और पृथ्वी को बचाना शामिल था। इन तमाम पहलुओं पर काम करके खुशहाली अर्जित की जा सकती है।

क्या थी जेमी एलियन की भूमिका ?

जेमी एलियन ने जीवन में खुशहाली के महत्त्व पर काम किया है। उनका मानना है की कोई भी देश या व्यक्ति अपने जीवन में तभी तरक्की कर सकता है जब वह खुश रहे। असल में इंटरनेशनल डे ऑफ़ हैप्पीनेस मनाने का रेसोल्यूशन 20 जुलाई 2012 को संयुक्त राष्ट्र में पास हुआ था। इसके बाद इसे 2013 से हर साल 20 मार्च को दुनिया भर में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने के पीछे जेमी एलियन के प्रयास हैं। उनका यह सुझाव तत्कालीन संयुक्त राष्ट्र अध्यक्ष बान की मून को काफी पसंद आया था। इसके बाद यूएन महासभा में इस प्रस्ताव को 193 देशों का समर्थन भी मिला था।

किस थीम पर आधारित है इंटरनेशनल डे ऑफ़ हैप्पीनेस ?

इस साल संयुक्त राष्ट्र द्वारा इंटरनेशनल डे ऑफ़ हैप्पीनेस की थीम “बी माइंडफुल, बी ग्रेटफुल, बी काइंड” यानी “सचेत रहें, कृतज्ञ रहें, उदार रहे” रखी गई है। इन तीन नियमों को फॉलो करके ही आप अपने जीवन में खुश रह सकते हैं। आपके खुश रहने से आपके आस पास सकारात्मक माहौल बनेगा।