रेडियो मैन रामसिंह बौद्ध...। यह वह नाम है, जिसमें जिद और जुनून कूट-कूटकर भरा हुआ है। इसी की बदौलत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'मन की बात' कार्यक्रम से प्रेरित होकर अपने शौक को इन्होंने पहचान बनाने की ठान ली। 10 साल संघर्ष किया, अब इनका रेडियो संग्रहालय गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड (Radio Museum included in Guinness record) में दर्ज हो गया।
पहले यह रिकार्ड 635 रेडियो रखने वाले महाराष्ट्र के एम प्रकाश के नाम था। उनके पास 1870 से 2010 तक के पांच हजार डाक टिकट, विभिन्न भाषा की हस्तलिखित 500 पांडुलिपियां, ग्रामोफोन, आडियो कैसेट्स, समाचार पत्र इत्यादि पुराने दौर की वस्तुएं भी संग्रहित हैं।
गजरौला के रामसिंह बौद्ध राज्य भंडारण निगम से सेवानिवृत्त हैं। वह शुरू से समाचार पत्र-पत्रिकाओं के पठन-पाठन के शौकीन रहे हैं। पढ़ते-पढ़ते ही उन्हें रेडियो एकत्र करने का शौक चढ़ा। 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रेडियो के माध्यम से मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत की, तो रामसिंह ने रेडियो संग्रहालय स्थापित किया। शुरुआत में रेडियो तलाशना मुश्किल लगता था, लेकिन जब इसमें वह लगन के साथ जुटे, तो संपर्क का दायरा बढ़ता गया। मेरठ, कानपुर, मुरादाबाद, कासगंज आदि जिलों के कबाड़ियों व पुरानी वस्तुओं को रखने वाले लोगों से संपर्क साधा और रेडियो जुटाने शुरू कर दिए।
इसी का परिणाम है कि उनके पास रेडियो की संख्या 1257 हो गई। दिसंबर, 2023 में उन्होंने गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड के लिए आवेदन किया था। टीम ने छह महीने तक जांच-पड़ताल के बाद गुरुवार को प्रमाण पत्र जारी किया है। 26 नवंबर, 2023 को प्रधानमंत्री मोदी भी मन की बात कार्यक्रम में इनके रेडियो संग्रहालय का जिक्र कर चुके हैं।
रामसिंह का दावा है कि उनके संग्रहालय में 1920-30 के दौर में प्रचलित मारकोनी फोन से लेकर 2010 के सोलिड स्टेट कंपनी तक के रेडियो हैं। उनका कहना है समय के साथ रेडियो का स्वरूप बदलता गया। मोबाइल युग में इसका अस्तित्व ही संकट में पड़ गया। 2015 से निर्माता कंपनियों ने बनाना ही बंद कर दिया।