आने वाले कुछ समय में लोगों के खानपान में आ सकता है बड़ा बदलाव, आइए जानते हैं क्या है ऐसी रहस्यमई बात

प्राचीन समय में इंसानों का खानपान काफी दिलचस्प रहा है. शुरुआती दौर में लोगों का खान-पान जानवरों का
शिकार करके किया जाता था. आदिमानव पहले समय में कच्चा ही खाना खाया करते थे जंगलों में जंगली
शिकारओं का शिकार कर खाने को बिना पकाए कच्चा मांस खाया करते थे. लेकिन धीरे-धीरे लोग पेड़ों से फल
तोड़कर खाने की शुरुआत की. फिर उन्होंने आग का आविष्कार किया जिसके बाद कच्चे मांस को पका कर
खाने की शुरुआत की. इसके बाद उन्होंने जानवरों को पालना दिखा उसके बाद वह खुद उन जानवरों को पका कर
आया करते थे. आदिवासियों ने खेती करनी शुरू की फूल और फलों को उगाना शुरू किया और सभ्य जीवन
जीना सिखा.

बात करे आज के दौर की तू इंसानों का खानपान पालतू जानवर, फल, फूल, सब्जी से लेकर अब कीड़े मकोड़ों
तक पहुंच चुका है. वैसे तो दुनिया के अलग-अलग देशों में कीड़े मकोड़ों को खाने की एक पुरानी रवायत रही है.
लेकिन इन सबके साथ ही अब कीड़े मकोड़ों का भी चयन बड़े स्तर पर बनना शुरू हो गया है. उदाहरण के तौर
पर दुनिया के बड़े देश जैसे कि यूरोप और चीन जैसे देशों में कीड़े मकोड़ों से बना पकवान रेस्टोरेंट भरोसा जाता
है.

कीड़े मकोड़ों के ऊपर अशोका टेस्ट फॉर रिसर्च इन इकोलॉजी इन द एनवायरनमेंट एक दिलचस्प स्टडी की है.
आईडी में अशोका में बताया है कि कान एक ऐतिहासिक रूप से कटीभक्षी रहे हैं. वहां के टेस्ट की एक टीम ने
इंसानों के लिए झिंगुर से बनी चॉकलेट चिप को भी तैयार की है. टीम का कहना है कि जैसे मुर्गा और बकरी
पका कर खाते हैं उसी तरह कीड़े मकोड़ों को भी इंसान अपने आम खानपान में शामिल करें.