कभी देखी है, ढाई किलो की मूली : Mountain Miracle

Sameer Raj
कभी देखी है, ढाई किलो की मूली : Mountain Miracle

आपने सन्नी देओल के 2.5 किलो के हाथ के बारे में तो जरूर सुना होगा। लेकिन क्या कभी आपने 2.5 किलो के मूली के बारे में सुना है? अगर नहीं, तो आज हम आपको बताते हैं इस ढाई किलो के मूली के बारे में। 

दरअसल, जब हम लोगों ने भी जब पहली बार ढाई किलो के मूली के बारे में सुना तो सुनकर बड़ा ही अचम्भा हुआ। लेकिन, इसे प्रकृति का चमत्कार कहें या इंसान की खोजी प्रवृत्ति, दिन-प्रतिदिन नित नए अजूबे मिलते ही रहते हैं। हमारे विशेष सलाहकार श्री रूप सिंह रौथाण अपने गृह-राज्य उत्तराखंड की यात्रा पर निकले थे।

उनकी यात्रा शुरू हुई दिल्ली से सटे गाजियाबाद स्थित एक कंक्रीट के जंगल “इंदिरापुरम” से। जी हाँ, चौंकिए मत। आपने ठीक सुना - कंक्रीट का जंगल, जहाँ लोग प्रदुषण और जीवन की निरंतर भाग-दौड़ से अमूमन परेशान ही रहते हैं। लेकिन, रोजगार की मजबूरी और महानगर की चकाचौंध उन्हें यहाँ खींच लाती है। इसी चकाचौंध से दूर, खुद को पहाड़ों में ढूंढने हमारे ये पहाड़ी पुत्र अपनी यात्रा पे निकले, शहर की भाग-दौड़ से दूर शांत वातावरण की तलाश में। 

रूप सिंह जी का गंतव्य स्थान था बागेश्वर धाम या बैजनाथ धाम। इसी यात्रा के बीच में उनका पड़ाव लित्ति गांव भी था, जहाँ उनके यह भारी-भरकम मूली प्राप्त हुआ। इसे जब उन्होंने अपने हाथों से निकला तो उन्हें अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हुआ। जब इसको तौला गया तो इसका वजन 2.55 किलो निकला। लित्ति गांव उत्तराखंड जिले का अंतिम गांव है। यहाँ से दाहिनी ओर पित्तौरागढ़ की सीमा लगती हैं।