धैर्यपूर्ण निर्णय भगदड में बचा सकता है आपका जीवन

आखिर भीड में दबकर मौत होने के क्या है कारण? After all, what are the reasons for death due to crowding?

2 जुलाई 2024 का दिन भारतियों के लिए एक त्रासदी के रूप में दर्ज किया गया है। उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग में हुए हादसे में 121 श्रद्धालुओं की मौत होने से व्यवस्था पर सवाल उठना स्वाभाविक है। हाथरस में भगदड़ मची और 121  श्रद्धालुओं की मौत हो गई। सवाल उठाया जा रहा है कि इस हादसे का गुनहगार कौन है? सत्संग के आयोजक से लेकर प्रशासन तक कठघरे में खड़ा है।  

घटना हाथरस जिले के सिकंदराराऊ क्षेत्र के फुलराई गांव की है। मानव मिलन सद्भावना समिति द्वारा  यहां सत्संग का आयोजन किया जा रहा था। बताया जा रहा है कि इस आयोजन के लिए समिति द्वारा 80,000 श्रद्धालुओं की अनुमति मांगी गयी थी लेकिन 3 गुणा श्रद्धालुओं के पहुंचने से व्यवस्था खराब हो गयी। समिति द्वारा खुद ही व्यवस्था को संभाला जा रहा था। पुलिस के केवल 40 जवान ही व्यवस्था को सँभालने में लगे हुए थे। 

किस वजह से हुई भगदड? (What caused the stampede?)

बताया जा रहा है कि जैसे ही बाबा सत्संग खत्म होने पर गाडी में बैठकर जाने लगे तो श्रद्धालुओं की भीड उनके चरणों की धूल लेने के उनके पीछे भागने लगी। जिससे व्यवस्था खराब हो गयी। समिति के लोगों द्वारा डंडो से भीड को नियंत्रित किया जा रहा था लेकिन एक समय पर लोगो के सब्र का बांध टूट गया। उन्मादी भीड एक दूसरे को कुचलते हुए आगे बढ़ने लगी। श्रद्धालु गहरे गड्ढे में एक के ऊपर एक गिरते चले गए। गर्मी उमस और संकरे रास्ते होने की वजह से बेहोश हो गए। जिन लोगो ने भागने की कोशिश की वो खेत के गहरे गड्ढे में गिर कर दबते चले गए। जो गिरा फिर नहीं उठ सका। जिस कारण दम घुटने से उनकी मौत हो गयी। 

भीड में दबकर मौत होने का क्या है कारण?  (What is the reason for death due to Stampede?)

जब कोई व्यक्ति भीड में दबकर कुचल जाता है तो वह अवचेतना की स्थिति में चला जाता है। जिसे मेडिकल टर्म में ऐलीफेसी के नाम से जाना जाता है। गिरने के 30 सेकंड बाद ही वह व्यक्ति बेहोश हो जाता है। ऑक्सीजन बाधित होने से उसका दम घुटने लगता है। जिस कारण उसकी मृत्यु हो जाती है।

क्या है बचाव के उपाय?  (What are the preventive measures?)