आपने अक्सर यह कहावत तो सुनी ही होगी कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क वास करता है। यानी आपका शरीर जितना स्वस्थ है आपका मस्तिष्क और मन उतना ही स्वस्थ है। स्वास्थ्य के महत्व को दुनिया के समक्ष उद्घाटित करने के उद्देश्य से ही हर साल 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन स्वास्थ्य के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ की विशेष एजेंसी है, जिसकी स्थापना 7 अप्रैल 1948 को की गई थी। इसका मुखयालय स्विट्ज़रलैंड के जेनेवा में स्थित है। वर्तमान में 194 देश इसके सदस्य है। 150 देशों में इसके कार्यालय स्थापित किए जा चुके है। असल में यह एक प्रकार का अंतर सरकारी संगठन है, जो अपने सदस्य राष्ट्रों के स्वास्थ्य मंत्रालयों के सहयोग से कार्य करता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक़ स्वास्थ्य का मतलब केवल स्वस्थ रहना नहीं है बल्कि यह सुनिश्चित करना भी है कि कैसे पूरी दुनिया एक साथ आकर सभी को लंबा और स्वस्थ जीवन जीने में मदद कर सकती है। इसके अलावा चिकित्सा के क्षेत्र में नई खोज, नई दवाओं और नए टीकों को बनाने के साथ ही स्वास्थ्य के मुद्दों को लेकर लोगों के बीच जागरुकता बढ़ाना भी विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्राथमिकता है।
7 अप्रैल 1948 को आज ही के दिन विश्व स्वास्थ्य संगठन की नीव रखी गई थी। वर्ष 1948 में दुनिया के तमाम देशों ने एक साथ मिलकर स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, दुनिया को सुरक्षित रखने और कमज़ोर लोगों की सेवा करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्थापना की ताकी प्रत्येक व्यक्ति प्रत्येक स्थान पर स्वस्थ रह सके और उच्चतम स्तर की मदद प्राप्त कर सके। वर्ष 1950 में पहला विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया गया था और इसके बाद से यह हर साल इस दिन मनाया जा रहा है।
हर साल विश्व स्वास्थ्य दिवस को एक अनोखी थीम के साथ मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस साल हेल्थ फॉर आल की थीम के साथ इस विशेष दिन को मनाने का फैसला किया है। यह एक विशेष सोच पर आधारित है, जिसमें स्वास्थ्य को एक बुनियादी मानवाधिकार माना गया है और किसी को बिना किसी वित्तीय कठिनाई के जब और जहाँ इसकी आवश्यकता हो उसे स्वास्थ्य सेवाएं मिलनी चाहिए।