भारतीय हॉकी टीम के कपिल देव हैं ‘धनराज पिल्लै’! शानदार फॉरवर्ड होने से डरते थे विपक्षी Kapil Dev of the Indian hockey team is 'Dhanraj Pillai', the opposition was afraid of being a brilliant forward.
भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान और महान खिलाडी धनराज पिल्लै का जन्म आज ही के दिन यानी 16 जुलाई 1968 को महाराष्ट्र के पुणे में हुआ था। धनराज भारतीय हॉकी की महान परंपरा के ध्वजवाहक रहे।
नाम | धनराज पिल्लै |
जन्म | 16 जुलाई 1968 |
जन्म स्थान | खडकी, पुणे (महाराष्ट्र) |
पिता | नागालिन्गम पिल्लै |
माता | अन्दालम्मा |
व्यवसाय | हॉकी खिलाडी |
पुरुस्कार | पद्म श्री 2000 |
धनराज ने अपने करियर की शुरुआत 1989 में नई दिल्ली में आयोजित एल्विन एशिया कप में देश के प्रतिनिधित्व के साथ हुई। 1989 से शुरू हुआ सफर 2004 तक अनवरत रूप से चलता रहा। इस दौरान उन्होंने लगभग 339 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में भाग लिया। 339 मैचों में उनके द्वारा किये गए गोल की संख्या 170 के करीब है।
वे एक मात्र ऐसे खिलाडी हैं जिन्होंने चार ओलंपिक खेलों (1992, 1996, 2000 और 2004), चार विश्व कप (1990, 1994, 1998 और 2002), चार चैंपियंस ट्राफी (1995, 1996, 2002 और 2003) तथा चार एशियाई खेल (1990, 1994, 1998 और 2002) में भाग लिया है। जो एक अलग तरह का रिकॉर्ड है। ऐसा करने वाले वे पहले खिलाडी हैं। इसके अलावा भारत ने उनकी कप्तानी में 1998 के एशियाई खेलों तथा 2003 में एशिया कप में जीत दर्ज की। बैंकॉक एशियाई खेलों में सबसे ज्यादा गोल दागने वाले खिलाडी बने। 1994 के सिडनी वर्ल्ड कप के दौरान वर्ल्ड इलेवन में शामिल होने वाले एकमात्र भारतीय खिलाडी थे।
धनराज कई विदेशी क्लबों के लिए भी खेल चुके हैं। इंडियन जिमखाना (लंदन), एचसी ल्योन (फ्रांस), बीएसएन एचसी & टेलीकॉम मलेशिया एचसी (मलेशिया), अबाहनी लिमिटेड (ढाका), और एचटीसी स्टुटगार्ट किकर्स (जर्मनी) के लिए धनराज ने कई प्रतियोगिता में हिस्सा लिया है।