मोबाइल स्क्रीन पर दिन-रात उंगलियां दौड़ाते हुए आपने कभी सोचा कि अगर उंगलियां न होतीं तो आप उसे कैसे चलाएंगे! शायद आपने नहीं सोचा होगा, लेकिन तकनीक दुनिया बहुत आगे बढ़ चुकी है। अब आप अंगुलियों के बिना भी मोबाइल और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट चला सकेंगे, बो भी अपने दांत और जीभ की मदद से।
इसके लिए सिंगापुर की नेशनल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक खास स्मार्ट माउथ बैंड तैयार किया है, जिसको ओ-पैड यानी ओरल पैड नाम दिया गया है।
इस स्मार्ट माउथ बैंड को आसानी से मुंह के अंदर दांतों पर पहना जा सकता है। फिर जीभ और दांतों से इसमें लगे सेंसर के जरिये गैजेट को कमांड दी जा सकती है। आप अपना मुंह चलाते हुए टाइपिंग, गेमिंग समेत मोबाइल से होने वाले अन्य काम भी कर सकते हैं। यह स्मार्ट पैड स्क्रीन कमांड को टच और वॉइस रिकग्निशन से भी आगे ले जाता है, जहां न ही अंगुलियों की जरूरत होती है और न ही बोलने की। आप मुंह चलाते हुए अपनी डिवाइस का उपयोग कर सकते हैं। शुरुआती चरण में इसका प्रयोग रोबोट पर हो रहा है। भविष्य में इसका इन्सानों पर भी प्रयोग किया जाएगा।
कार्बन नैनोट्यूब-सिलिकॉन कंपोजिट सेंसर की श्रृंखला से बने इस ओ-पैड को मुंह के अंदर फिट होने वाले लचीले, बायोकम्पैटिबल पैड में लगाया जाता है। जब जीभ पैड पर चलती है, तो वह टच स्क्रीन को स्वाइप करती है। वहीं जब दांत पैड पर पड़ते हैं तो वे माउस क्लिक की तरह काम करते हैं। आवर्तक तंत्रिका नेटवर्क (आरएनएन) का उपयोग, पैटर्न को पहचानने की ओ-पैड की क्षमता को और बढ़ाता है, जिससे यह जीभ और दांतों के दबाव को सटीक कमांड में बदलने में सहायक होता है। इससे अंगुलियों की तरह जीभ से एप्स या वेबसाइट्स को स्वाइप करते हुए जरूरत के फीचर पर क्लिक किया जा सकता है।
जो लोग शारीरिक दिव्यांगता के चलते टच स्क्रीन वाली इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का उपयोग सहजता से नहीं कर पाते हैं या उपयोग ही नहीं कर पाते हैं, उनके लिए यह डिवाइस डिजिटल दुनिया के नए अनुभव का रास्ता खोलने वाली हो सकती है। इससे वे आसानी से मैसेज भेजने, काल करने से लेकर व्हीलचेयर चलाने तक की कमांड दे सकेंगे। साथ ही पूरी तरह हाथ से कमांड होने वाले वीडियो गेमिंग जैसे फीचर का भी आनंद ले सकेंगे।
यह डिवाइस बायोमेट्रिक पहचान के लिए एक नया विकल्प देती है। उपयोगकर्ता दांतों के इस्तेमाल से भी बायोमेट्रिक लॉगइन कर अपने अकाउंट और डिवाइस तक पहुंच सकता है। साथ ही दंत चिकित्सा में भी इसका उपयोग किया जा सकता है। दांतों से स्पर्श होने के कारण दंत रोग के उपचार में भी यह सहायक होगी। साथ ही इससे मुंह के अंदर की चोट की रिकवरी की भी निगरानी आसानी से संभव हो सकेगी।