हिमाचल प्रदेश एक ऐसी भूमि है जिसमें तमाम तरह के रहस्य छिपे हुए हैं। यह राज्य चारों ओर से बर्फीली घाटियों से घिरा हुआ है। साथ ही हिमालय पर्वत श्रृंखला इसकी शोभा को और अधिक बड़ा देती है। हिमाचल की धरती के भीतर ऐसे अनेक राज़ दफ़न है जिनके बारे में आजतक कोई पता नहीं लगा पाया है। इसके अलावा यहाँ ऐसे प्राचीन स्थल मौजूद हैं जिनका इतिहास पौराणिक काल से जुड़ा हुआ है। यहाँ ऐसे कुछ रहस्मई स्थान भी मौजूद है जिनके रहस्यों का पर्दाफ़ाश करने में विज्ञान भी नाकामयाब रहा है। आज इस लेख में हम आपको हिमाचल प्रदेश से जुड़े कुछ ऐसे ही रहस्यों के बारे में बताने वाले हैं जिन्हे जानकर आप भी काफी हैरान हो जाएंगे।
कालका शिमला रेलवे को हेरिटेज टॉय ट्रेन भी कहा जाता है। शिमला को अच्छी तरह से जानने के लिए यह तरीका बिलकुल परफेक्ट है। इसकी सबसे ख़ास बात यह है कि इस रूट को माउंटेन रेलवे ऑफ़ इंडिया के अंतर्गत यूनेस्को की तरफ से विश्व धरोहर घोषित किया जा चुका है। इसके नाम एक विश्व रेकॉर्ड भी दर्ज है कि यह कई हजार फीट के सबसे तेज ढलान को मात्र 96 कि.मी में कवर करती है। यह ट्रेन अपने सफर के दौरान 806 पुल, 103 सुरंगे और 18 स्टेशनों को पार करती है।
हिमाचल प्रदेश में मनमोहक प्रकृति के दर्शन होते हैं। यहाँ की वनस्पति केवल आँखों को ही नहीं बल्कि मन को भी सुकून देती है। यहाँ मौजूद प्रकृति की शोभा जीव जंतुओं के साथ ही पेड़ पौधे भी बढ़ाते हैं। हिमाचल प्रदेश में 33 वन्य जीव अभ्यारण्य है और 2 राष्ट्रीय उद्यान हैं जिन्हे यूनेस्को विश्व धरोहर घोषित कर चुका है। इन वन्य क्षेत्रों में आप कई दुर्लभ वन्य जीवों को देख सकते हैं जैसे भोंकने वाला हिरण और बर्फ में रहने वाला तेंदुआ।
हिमाचल प्रदेश में एक ऐसा भी अज्ञात स्थान मौजूद है जिसे मिनी इज़राइल कहा जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस स्थान पर देशी सैलानियों से ज़्यादा विदेशी सैलानी आते हैं। इनमें से अधिकांश सैलानी इज़राईली होते हैं। राज्य में कसोल भारत का एक मात्र ऐसा स्थान है जहाँ इज़रायली लोग आना काफी पसंद करते हैं। यहाँ आपको ऐसी कुछ खास दुकाने भी दिख जाएंगे जहाँ आप लोगों को हिब्रू भाषा में बात करते हुए सुन सकते हैं। साथ ही आपको यहाँ इज़राईली व्यंजन भी खाने को मिल जाएंगे।
हिमाचल प्रदेश में एक ऐसा गाँव स्थित है जिसे 'विलेज ऑफ़ टेबू' कह कर सम्बोधित किया जाता है। यहाँ बाहरी लोगों को काफी सख्त नियमों का पालन करना पड़ता है। जैसे वह गाँव की किसी दीवार को या घर के किसी सामान को छू नहीं सकते। इसके अलावा यह गाँव सबसे पुराने लोकतांत्रिक स्थानों में से एक है। यहाँ के लोग आपको यूनानी मान्यताओं और तौर तरीकों का अनुसरण करते दिखाई देंगे। इस गाँव के लोग खुद को सिकंदर महान के वंशज मानते हैं।
हिमाचल प्रदेश में विश्व प्रसिद्ध सिल्क रूट भी मौजूद है, जिसका इस्तेमाल चीन, तिब्बत, लद्दाख, कश्मीर जैसे स्थलों पर जाने के लिए होता रहा है। इस मार्ग का सहारा व्यापारी वर्ग लिया करते थे। कपास, रेशम, कई कीमती चीजों और जरूरत की वस्तुओं का आयात-निर्यात इसी मार्ग के द्वारा किया जाता था।
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