हिमाचल में है वह स्थान जहां संजीवनी लाते समय पड़ा था हनुमान जी का बायाँ पैर | आइये जाने मनकी पॉइंट, मंकी पॉइंट और मैगी पॉइंट | कैसे पढ़े-लिखों ने बनाया मनकी पॉइंट को मंकी पॉइंट | आईये जाने कुछ खास बातें -
लंका में राम रावण के युद्ध के समय मेघनाद लक्ष्मण को युद्ध के लिए ललकारता है। मेघनाथ की ललकार से नाराज लक्ष्मण युद्ध के लिए जाते हैं, लेकिन इस बार वो अपने मायावी चाल से लक्ष्मण पर शक्ति बाण से प्रहार करता है। विभीषण राम के विलाप को देखते हुए कहते हैं कि इनका उपचार सिर्फ सुषेण वैद्य कर सकते हैं। जब हनुमान जी सुषेण वैद्य को लेकर आते हैं तब वैद्य लक्ष्मण जी की स्थिति देखकर कहते हैं कि सूर्योदय से पहले हिमालय पर्वत से उनके लिए संजीवनी बूटी लानी होगी। तभी इनका जीवित होना संभव है।
हनुमान जी बिना सोचे समझे हिमालय पर्वत की तरफ जाते हैं। वहां एक ही तरह की औषधी होने के कारण भ्रमित हो जाते हैं। इसलिए वे पुरे पहाड को उठा कर लंका की तरफ चलते हैं। ऐसा कहा जाता है कि मार्ग में पडने वाली पहाडों की ऊँची चोटियों पर हनुमान जी के पैर कुछ जगहों पर पडे थे। उन्हीं में से एक स्थान है हिमाचल प्रदेश के कसौली में। माना जाता है कि यहां हनुमान जी का बायाँ पैर पडा था।
हनुमान जी का यह प्राचीन मंदिर मनकी पॉइंट पर स्थित है। यह मंदिर हनुमान जी के पैर के आकार का बना हुआ है। हनुमान जी की ऐडी वाले स्थान पर मंदिर बना हुआ है। मंदिर के सबसे ऊंचाई पर स्थित होने के कारण चारो तरफ का विहंगम दृश्य दिखाई पडता है। कुछ अज्ञानता और कुछ भेड़ चाल की वजह से मनकी पॉइंट को लोगों ने आम बोल-चाल की भाषा में मंकी पॉइंट (Monkey Point) बना दिया है।
कसौली देश के सभी सडक मार्गों से सीधे तौर पर जुडा हुआ है। दिल्ली, चंडीगढ़, शिमला और अंबाला से आप चाहें तो सड़क मार्ग के जरिए गाड़ी या बस से सीधे कसौली पहुंच सकते हैं। रेलमार्ग के लिए सबसे नजदीकी स्टेशन 40 किमी दूर कालका है। हवाई मार्ग के लिए सबसे नजदीकी एयरपोर्ट चंडीगढ में है जहां से गाडी से कसौली जाया जा सकता है।
कसौली से ऊपर जाने के बाद मॉल रोड के पास पहुंचने पर वाहनों को आगे नहीं जाने दिया जाता है। आपको वहां से लोकल टेक्सी लेकर मनकी पॉइंट जाना होगा। मंदिर से पहले भारतीय वायु सेना का स्टेशन है। जिसमे सभी तरह की चैकिंग होने के बाद ही मंदिर में प्रवेश दिया जाता है।