Photography: Amit Bithariya

अमृत उद्यान की कुछ खास बातें 

दिल्ली आकर राष्ट्रपति भवन का दीदार नहीं किया तो क्या किया। राष्ट्रपति भवन के इस बगीचे का निर्माण 1928 - 1929 के बीच किया गया था। 

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मोदी सरकार ने हाल ही में अमृत उद्यान का नाम बदलकर अमृत उद्यान कर दिया है। पहले अमृत उद्यान का नाम बदलने की मांग हिन्दू महासभा ने की थी। 

बदला गया नाम

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राष्ट्रपति भवन परिसर में मुगल गार्डन 15 एकड़ में फैला है जिसे बनाने की प्रेरणा जम्मू कश्मीर के मुगल गार्डन, ताजमहल के आस-पास फैले बगीचे, भारत और फारस की पेंटिंग से ली गई है।

कैसे मिली प्रेरणा ?

आमतौर पर यही माना जाता है कि राष्ट्रपति भवन में मुगल गार्डन बनाने का आइडिया सर एडविन लुटिएंस का था। लेकिन सच ये है कि इसे बनाने का आइडिया उद्यान विभाग के निदेशक विलियम मुस्टो का था। 

किसका था आइडिया ? 

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यहाँ की सबसे बड़ी खासियत गुलाब के फूल हैं। इनमें एडोरा, मृणालिनी, ताज महल, एफिल टॉवर, मॉडर्न आर्ट, ब्लैक लेडी, पैराडाइज़, ब्लू मून और लेडी एक्स शामिल हैं।

159 तरह के गुलाब

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अमृत उद्यान में दुनिया भर के फूलों की तमाम प्रजातियाँ मौजूद हैं और इन्ही फूलों की लाजवाब खुशबू से अमृत उद्यान महका करता है। यहाँ नीदरलैंड के ट्यूलिप, ब्राज़ील के ऑर्किड, जापान के चेरी ब्लॉसम और दूसरे मौसमी फूल हैं।

मनमोहक है अमृत उद्यान की खूबसूरती

डॉ कलाम ने यहाँ दो झोपड़ियाँ बनवाई थी। इन दोनों झोपड़ियों में एक का नाम उन्होंने 'थिंकिंग हट' यानी 'वैचारिक झोपड़ी' रखा था जबकि दूसरी झोपड़ी का नाम उन्होंने 'अमर झोपड़ी' रखा था।

डॉ कलाम का योगदान

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