Deep Fake Means How It Works?

डीपफ़ेक A→Z

क्या है? कैसे होता है?

रश्मिका मंदाना की डीपफेक की विडिओ आजकल सुर्ख़ियों में है। आइये जानतें हैं कि डीपफेक (deepfake) है क्या?

डीपफेक को फोटोज़ की हेराफेरी (या डिजिटल हेराफेरी) के रूप में समझा जा सकता है। डीपफ़ेक टेक्नोलॉजी का प्रगोग करते हुए एक मौजूदा चित्र अथवा वीडियो में एक व्यक्ति की जगह किसी दूसरे को इतनी दक्षता से लगा देना, जिससे दोनों की समानता का अंतर करना अत्यधिक कठिन हो जाए।

डीपफेक का प्रयोग करके किसी व्यक्ति के चेहरे को किसी अन्य बॉडी पर लगाया जा सकता है। इस कांसेप्ट को आर्टिफिशल इंटेलिजेंस की मदद से क्रियान्वित किया जाता है। आजकल यह ऑनलाइन AI टूल्स की सहायता से आसानी से किया जा सकता है।

डीपफेक अक्सर मौजूदा स्रोत सामग्री को बदल देते हैं जहां एक व्यक्ति को दूसरे से बदल दिया जाता है। वे पूरी तरह से मौलिक सामग्री भी बनाते हैं जहां किसी को कुछ ऐसा करते या कहते हुए दर्शाया जाता है जो उन्होंने नहीं किया या कहा नहीं।

डीपफेक कैसे काम करता है?

डीपफेक एक प्रकार के तंत्रिका नेटवर्क (neural network) पर निर्भर करते हैं जिसे ऑटोएनकोडर कहा जाता है। इसमें एक एनकोडर तथा एक डिकोडर होता है जो चित्रों को आपस में बदल देता है। कई बार यह छवि का पुनर्निर्माण भी करता है।

डीपफेक कैसे काम करता है?

भारत में डीपफेक से निपटने के लिए अभी कोई कानून नहीं है, इसी की मांग को प्रसिद्द हस्तियों द्वारा किया जा रहा है।

क्या भारत डीपफेक बनाना अवैध है?

डीपफेक के लिए अमेरिका में क्या कानून हैं?

पोर्न बनाने के लिए किसी की सहमति के बिना उसकी छवि का उपयोग करने से भावनात्मक और शारीरिक रूप से हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है।

 लेकिन कोई भी संघीय कानून संयुक्त राज्य अमेरिका में बिना सहमति के डीपफेक के निर्माण या साझाकरण को अपराध नहीं मानता है। सिविल कोर्ट में मुकदमा चलने की भी संभावना नहीं है।

डीपफेक के लिए अमेरिका में क्या कानून हैं?