UltranewsTv | Updated : 22 October, 2024
यह रंगोली फूलों की पंखुड़ियों, जैसे गेंदा, गुलाब, और चमेली, का उपयोग करके बनाई जाती है। यह आमतौर पर दिवाली, ओणम, या अन्य धार्मिक अवसरों पर बनाई जाती है।
इस रंगोली में चावल के आटे या रंगीन चावल का उपयोग किया जाता है। यह रंगोली विशेष रूप से दक्षिण भारत में लोकप्रिय है, जहाँ इसे शुभ माना जाता है।
इस प्रकार की रंगोली में विभिन्न रंगों के पाउडर का उपयोग करके आकर्षक डिज़ाइन बनाए जाते हैं। यह उत्तर और पश्चिम भारत में बहुत लोकप्रिय है।
यह रंगोली दक्षिण भारतीय शैली की होती है, जहाँ पहले बिंदुओं का एक पैटर्न बनाया जाता है और फिर उन्हें जोड़कर रंगोली बनाई जाती है। इसे कोलम के नाम से भी जाना जाता है।
राजस्थान और मध्य प्रदेश में मंडाला रंगोली बहुत प्रसिद्ध है। इसमें जियोमेट्रिक डिज़ाइन और लोक कलाओं का उपयोग किया जाता है। यह दीवारों और ज़मीन पर बनाई जाती है।
यह बंगाल की पारंपरिक रंगोली है, जिसे चावल के घोल या सफेद पेस्ट से बनाया जाता है। इसमें धार्मिक और सांस्कृतिक प्रतीकों का प्रमुखता से उपयोग होता है।
इस रंगोली में 3D इफेक्ट्स का उपयोग करके डिज़ाइन बनाए जाते हैं, जिससे रंगोली उभरी हुई प्रतीत होती है। यह नई और आधुनिक शैली की रंगोली है।
इस शैली में रंगोली बनाने के लिए छोटे कांच के टुकड़ों का उपयोग किया जाता है। यह अधिक चमकीली और सुंदर दिखाई देती है।
पढ़ने के लिए धन्यवाद!