UltranewsTv | Updated : 07 November, 2024
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दोस्ती की शुरुआत 2017 में हुई, जब ट्रम्प ने पहली बार व्हाइट हाउस में मोदी का स्वागत किया। दोनों नेताओं के बीच एक खास तालमेल नजर आया।
जहां एक ओर ट्रम्प की `अमेरिका फर्स्ट` की नीति थी, वहीं मोदी ने `मेक इन इंडिया` पर जोर दिया। इनकी नीतियों में समानता ने इस मित्रता को और मजबूत बनाया।
2019 में अमेरिका के ह्यूस्टन में `हाउडी मोदी` नामक इवेंट में ट्रम्प ने मोदी के साथ मंच साझा किया। इस कार्यक्रम में 50,000 से अधिक भारतीय-अमेरिकी शामिल हुए।
इसके जवाब में 2020 में भारत में `नमस्ते ट्रम्प` कार्यक्रम आयोजित हुआ। अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में 100,000 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया, जहां मोदी और ट्रम्प ने एक-दूसरे की सराहना की और गहरी मित्रता का संदेश दिया।
दोनों देशों ने व्यापारिक रिश्तों को भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का प्रयास किया। डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत को अमेरिका का महत्वपूर्ण व्यापारिक सहयोगी बताया, वहीं मोदी ने भी भारत में अमेरिकी निवेश का स्वागत किया।
हालांकि दोनों नेताओं के रिश्ते की काफी तारीफ हुई, लेकिन कुछ विवाद भी रहे। अमेरिका और भारत के बीच कुछ मुद्दों पर मतभेद रहे, जैसे व्यापार शुल्क और इमिग्रेशन नीतियां। इसके बावजूद, ट्रम्प और मोदी की दोस्ती ने दोनों देशों के रिश्तों में गर्माहट बरकरार रखी।
फिरसे ट्रम्प अब अमेरिका के राष्ट्रपति हैं, लेकिन उनके और मोदी के बीच की दोस्ती एक मिसाल बन चुकी है। इस मित्रता ने भारत-अमेरिका के रिश्तों को एक नई दिशा दी है, जो आगे भी इन दोनों देशों को करीब लाने में मददगार साबित हो सकती है।
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