पूरे भारत में होली का त्यौहार सभी लोगों को नई ऊर्जा और उमंग से भर देता है। आपने अक्सर फूलों और रंगों से खेली जाने वाली होली के बारे में सुना होगा।
UltranewsTv | Updated : 01 March, 2023
लेकिन क्या आप जानते हैं भारत में कुछ स्थान ऐसे भी हैं जहाँ होली का त्यौहार रंगों और फूलों के बिना भी मनाया जाता है।
आइए जानते हैं होली मनाने के अजब - गजब तरीकों के बारे में।
मध्य प्रदेश के मालवा जिले में होली का त्यौहार रंगों और फूलों से मनाने की बजाए अंगारों से मनाया जाता है। इस दिन लोग एक दूसरे पर अंगारे फेंक कर मारते हैं। अंगारे फेंकने वाली होली
आदिवासियों की परम्पराएं काफी अनोखी होती है। मध्यप्रदेश के भील आदिवासी समुदाय के लोग होली वाले दिन एक दूसरे को रंग लगाकर नाचते गाते अपने जीवन साथी की तलाश करते हैं। जीवनसाथी को ढूढ़ने वाली होली
किसी त्यौहार पर यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उस त्यौहार को नहीं मनाया जाता। राजस्थान के पुष्करण ब्राह्मण के चोवटिया जोशी जाति के लोग होली पर शोक मनाते हैं क्योंकि यहाँ इस दिन किसी की मृत्यु हुई थी। शोक मनाने वाली होली
राजस्थान के बांसवाड़ा में होलिका दहन के बाद राख पर चलने की बेहद अनोखी परम्परा का पालन आज तक किया जा रहा है। यहाँ ऐसा करने के बाद ही रंगों की होली खेली जाती है। राख पर चलने वाली होली
राजस्थान के बांसवाड़ा में ही एक दूसरे पर पत्थर फेंक कर होली खेली जाती है। यह होली काफी खतरनाक साबित हो सकती है। होली खेलने की यह परम्परा भी बेहद अजीबो गरीब है। पत्थरों वाली होली
यूपी स्थित शाहजहांपुर में अंग्रेज़ों के ज़माने से चली आ रही परम्परा को आज भी निभाया जाता है। इस दिन लाट साहब के पुतले को भैसें पर बिठाकर उसे जूतों से मारने की परम्परा है। जूते मारने वाली होली
आपको जानकार हैरानी होगी कि वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर चिता की राख से होली खेली जाती है। इसे मसान की राख वाली होली भी कहा जाता है। मसान वाली होली
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