UltranewsTv | Updated : 14 November, 2024
भारत की पहली हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन भारतीय रेलवे के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है। यह पहल पर्यावरण के प्रति रेलवे की जिम्मेदारी और देश में परिवहन के स्वच्छ विकल्पों को बढ़ावा देने का एक बड़ा कदम है।
हाइड्रोजन ट्रेन एक ऐसी ट्रेन है जो पारंपरिक डीजल या बिजली की बजाय हाइड्रोजन ईंधन से चलती है। हाइड्रोजन ईंधन सेल ट्रेन में ऊर्जा का उत्पादन हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के संयोजन से होता है, जिससे बिजली उत्पन्न होती है और इसका एकमात्र उप-उत्पाद पानी होता है। यह पूरी तरह से प्रदूषण रहित और पर्यावरण के अनुकूल है।
पहली भारतीय हाइड्रोजन ट्रेन हरियाणा के सोनीपत-जिंद रेल खंड पर चलाई जाएगी। इस रूट का चयन इसलिए किया गया है ताकि इसका परीक्षण छोटे और नियंत्रित मार्गों पर किया जा सके, जो ट्रेन के सफल संचालन में सहायक सिद्ध हो सकता है।
इस हाइड्रोजन ट्रेन के उपयोग से कार्बन उत्सर्जन में भारी कमी आएगी। डीजल इंजन की तुलना में हाइड्रोजन ट्रेन न केवल पर्यावरण को बचाएगी बल्कि इसमें रखरखाव की लागत भी कम होगी। भारतीय रेलवे का लक्ष्य 2030 तक `नेट जीरो कार्बन एमिशन` बनना है, और यह हाइड्रोजन ट्रेन इस लक्ष्य की ओर एक अहम कदम है।
इस परियोजना को भारत में निर्मित ट्रेन के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह \'मेक इन इंडिया\' की दिशा में भी एक बड़ा योगदान है। हाइड्रोजन ट्रेन से भारत अन्य देशों की तुलना में अपनी तकनीकी क्षमताओं को साबित कर सकेगा और रेलवे प्रणाली को और आधुनिक बनाएगा।
अगर यह परियोजना सफल होती है, तो आने वाले वर्षों में और अधिक रूट्स पर हाइड्रोजन ट्रेनों को चलाने की योजना है। भारतीय रेलवे का यह प्रयास देश को भविष्य में ऊर्जा स्वतंत्र और पर्यावरण की दृष्टि से सतत विकास के पथ पर ले जाएगा।
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