Created by: Diksha Sharma
UltranewsTv | Updated : 25 November, 2024
प्रयागराज, जिसे पहले इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था, भारत का एक ऐसा पवित्र शहर है, जो अपनी आध्यात्मिकता, संस्कृति और इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ संगम का विशेष महत्व है, जहाँ गंगा, यमुना और सरस्वती नदियाँ मिलती हैं। लेकिन इस शहर की आध्यात्मिक धरोहर इसके भव्य मंदिरों में भी देखने को मिलती है। आइए जानें प्रयागराज के कुछ प्रमुख मंदिरों के बारे में।
संगम के किनारे स्थित यह मंदिर अपनी अनोखी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ भगवान हनुमान की विशालकाय लेटी हुई मूर्ति है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में दर्शन से भक्तों के सभी दुख दूर हो जाते हैं। गंगा मैया की हर साल की बाढ़ में हनुमान जी को स्नान करवाना एक अद्भुत दृश्य है।
किले के अंदर स्थित अक्षयवट एक दिव्य वृक्ष है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यह वटवृक्ष सृष्टि की अमरता का प्रतीक है। यह स्थान ध्यान और आध्यात्मिक शांति के लिए आदर्श है।
गंगा नदी के किनारे स्थित यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यहाँ श्रद्धालु अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने आते हैं। सावन के महीने में यहाँ विशेष पूजा और उत्सव का आयोजन होता है।
यह मंदिर शाक्त परंपरा का प्रतीक है और नवरात्रि के समय भक्तों से भरा रहता है। यहाँ देवी सती का एक महत्वपूर्ण शक्तिपीठ माना जाता है। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यहाँ कोई मूर्ति नहीं है; केवल एक चौकी को देवी का प्रतीक माना जाता है।
यह मंदिर और आश्रम ऋषि भारद्वाज को समर्पित है। यहाँ आपको आध्यात्मिक और शैक्षणिक वातावरण का अनुभव मिलेगा। यह स्थान ध्यान और योग के लिए प्रसिद्ध है।
प्रयागराज में स्थित श्री संकर विमान मंडपम एक अत्यंत भव्य और ऐतिहासिक धार्मिक स्थल है। यह स्थल हिंदू धर्म के प्रमुख देवता भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए प्रसिद्ध है। श्री संकर विमान मंडपम की वास्तुकला में पारंपरिक भारतीय शैली की छवि देखने को मिलती है, जहां भक्तों को ध्यान और साधना के लिए विशेष स्थान प्रदान किया जाता है।
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