Created by: Diksha Sharma
UltranewsTv | Updated : 25 November, 2024
महाकुंभ मेला 2025 प्रयागराज, उत्तर प्रदेश, भारत में 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक आयोजित किया जाएगा। यह मेला हर 12 साल में एक बार होता है और इसे दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेलों में से एक माना जाता है।
प्रथम स्नान: 13 जनवरी 2025
महाकुंभ मेला की शुरुआत पौष पूर्णिमा से होती है। इस दिन विशेष रूप से श्रद्धालु संगम में स्नान करते हैं और पुण्य प्राप्ति की कामना करते हैं। यह दिन मेला के पहले प्रमुख स्नान का दिन है।
द्वतीय स्नान: 14 जनवरी 2025
मकर संक्रांति के दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, जो कि हिन्दू कैलेंडर में अत्यंत शुभ दिन होता है। यह मेला का पहला बड़ा स्नान दिवस होता है, जब लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुन और सरस्वती के संगम में स्नान करते हैं।
तृतीय स्नान: 29 जनवरी 2025
मौनी अमावस्या का दिन महाकुंभ मेला का सबसे पवित्र दिन होता है। यह दिन विशेष रूप से व्रत में रहकर और मौन रहकर स्नान करने के लिए जाना जाता है। इस दिन संगम में स्नान करने का विशेष धार्मिक महत्व है।
चतुर्थ स्नान: 3 फरवरी 2025
बसंत पंचमी का दिन बसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है। इस दिन विशेष रूप से श्रद्धालु संगम में स्नान करते हैं और देवी सरस्वती की पूजा करते हैं।
पंचम स्नान: 12 फरवरी 2025
माघी पूर्णिमा के दिन संगम में स्नान करने से विशेष पुण्य प्राप्ति की मान्यता है। यह दिन मेला का एक और महत्वपूर्ण स्नान दिवस होता है।
षष्ठं स्नान: 26 फरवरी 2025
महाशिवरात्रि के दिन महाकुंभ मेला का समापन होता है। यह दिन शिव भक्तों के लिए अत्यंत विशेष होता है, और महाकुंभ मेला का अंतिम शाही स्नान भी इसी दिन होता है।
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