इन दस गुरुओं ने सामूहिक रूप से सिख धर्म के आध्यात्मिक, नैतिक और सामाजिक ताने-बाने को आकार दिया, भक्ति, समानता और निस्वार्थ सेवा की विरासत छोड़ी जो दुनिया भर के लाखों सिखों को प्रेरित करती रहती है।