सहजन के ये फायदे हैं बेहद चमत्कारी, जानकार हैरान रह जाएंगे आप 

सहजन का फूल 

सहजन का फूल पेट व कफ रोगों में लाभदायक है। इसके फूल की सब्जी बनाकर भी इसका सेवन किया जा सकता है। 

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सहजन के पेड़ की छाल 

इसका सेवन साइटिका, गठिया और लीवर को फायदा पहुंचाता है। सहजन की छाल में शहद मिलाकर पीने से कफ व वात प्रकृति से सम्बंधित रोगों से निजात मिलता है। 

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सहजन की फली

सहजन की फली वात व उदरशूल में बेहद उपयोगी है। इसके सभी अंगों में से इसकी फलियों का सेवन सबसे अधिक किया जाता है।

सहजन की पत्ती

सहजन की पत्तियाँ नेत्र रोग में बेहद गुणकारी हैं। इसकी पत्तियॉं कार्बोहायड्रेट, कैल्शियम, पोटेसियम, आयरन, मैग्नीसियम, विटामिन ए,सी और बी काम्प्लेक्स से युक्त होत्ती हैं।

उपयोगी है विभिन्न अंगों का रस

सहजन के विभिन्न अंगों के रस को मधुर, वातघ्न, रुचिकारक, वेदनाशक, पाचक आदि गुणों के रूप में जाना जाता है।

सहजन के आयुर्वेदिक लाभ

आयुर्वेद मानता है कि सहजन की फलियों से 300 बीमारियों का उपचार संभव है।

यहाँ पाया जाता है सहजन

सहजन उत्तरा और दक्षिण भारत में प्रचूर मात्रा में पाया जाता है। दक्षिण भारत में पाए जाने वाले सहजन के पेड़ से पूरे साल फलियाँ उपलब्ध होतीं हैं। जबकि उत्तर भारत में इसका पेड़ साल में एक ही बार फलियाँ देता है।

सहजन एक नाम अनेक

सहजन का बोटेनिकल नाम 'मोरिगो ओलिफेरा' (Morigo Orifera) है। हिंदी में इसे सहजन, सुजना, सेंजन और मूंगा नाम से भी जाना जाता है। इसके पौधे की ऊंचाई 10 मीटर होती है।