एम. एस. सुब्बुलक्ष्मी(MS Subbulakshmi) एक भारतीय कन्नड़ गायिका थीं। भारत रत्न पाने वाली प्रथम महिला गायिका, रैमन मेग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित होने वाली प्रथम महिला संगीतकार, तथा संयुक्त राष्ट्रमहासभा में प्रदर्शन करने वाली प्रथम महिला बनीं।
एम. एस. सुब्बुलक्ष्मी जीवनी – MS Subbulakshmi Biography
नाम | मदुरै शन्मुखवदिवु सुब्बुलक्ष्मी |
जन्म | 16 सितंबर 1916 |
जन्म स्थान | मदुरै, मद्रास प्रेसीडेंसी, अविभाजित भारत |
पिता | सुब्रमण्यम अय्यर |
माता | शानमुकवदिवर अम्मल |
पेशा | संगीतकार |
शैलियां | भारतीय शास्त्रीय संगीत |
पुरस्कार | भारत रत्न, रैमन मैग्सेसे पुरस्कार, पद्मभूषण, पद्मविभूषण |
मृत्यु | 11 दिसंबर 2004 |
प्रारंभिक जीवन – Early Life
उन्होंने छोटी उम्र में ही कर्नाटक संगीत सीखना शुरू कर दिया था और सेम्मनगुडी श्रीनिवास अय्यर के मार्गदर्शन में कन्नड़ संगीत और बाद में पंडित नारायणराव व्यास के मार्गदर्शन में हिंदुस्तानी संगीत का प्रशिक्षण लिया। सुब्बुलक्ष्मी ने अपना पहला सार्वजनिक प्रदर्शन, ग्यारह वर्ष की आयु में वर्ष 1927 में, तिरुचिरापल्ली में वायलिन पर मैसूर चौडिया और मृदंगम पर दक्षिणामूर्ति पिल्लई के साथ किया था।
गायिका के रूप में – MS Subbulakshmi as a Singer
एमएस सुब्बुलक्ष्मी ने अपनी मां शानमुखवदिवु से कर्नाटक शास्त्रीय संगीत की शिक्षा शुरू की; और बाद में पंडित नारायण राव व्यास से हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की शिक्षा ली। सुब्बुलक्ष्मी जब 10 साल की थीं तब उनकी पहली रिकॉर्डिंग जारी की गई। सुब्बुलक्ष्मी ने 1929 में प्रतिष्ठित मद्रास संगीत अकादमी में अपना पहला प्रदर्शन दिया , जब वह 13 वर्ष की थीं। इस प्रदर्शन में भजन (हिंदू भजन) शामिल था।
सत्रह वर्ष की आयु तक सुब्बुलक्ष्मी स्वयं भी संगीत कार्यक्रम देने लगीं, जिनमें मद्रास संगीत अकादमी में प्रमुख प्रदर्शन भी शामिल थे।
फिल्म क्षेत्र में भी है शानदार करियर – Have a great career in the film field too
एम एस ने अपनी युवावस्था में कुछ तमिल फिल्मों में भी काम किया। उनकी पहली फिल्म ‘सेवासदनम’ 2 मई 1938 को रिलीज हुई थी। के.सुब्रमण्यम द्वारा निर्देशित इस फिल्म में सुब्बुलक्ष्मी के साथ एफजी नटेसा अय्यर मुख्य अभिनेता थे। यह एक आलोचनात्मक और व्यावसायिक सफलता थी। सेवसदनम मूल रूप से हिंदी साहित्य के उपन्यास सम्राट कहे जाने वाले प्रेमचंद के उपन्यास ‘सेवासदन’ (बाजार ए हुस्न) पर आधारित थी।
अन्य महत्त्वपूर्ण उपलब्धि – Other important achievements
- लता मंगेशकर ने उन्हें तपस्विनी नाम से संबोधित किया।
- उस्ताद बड़े गुलाम अली खान ने उन्हें सुस्वरलक्ष्मी नाम से संबोधित किया।
- सरोजिनी नायडू ने उन्हें ‘भारत की कोकिला’ नाम से संबोधित किया।
पुरस्कार – Award
- पद्म भूषण – 1954
- संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार 1956
- रेमन मैग्सेसे पुरस्कार (एशिया का नोबेल पुरस्कार) – 1974
- पद्म विभूषण – 1975
- कालिदास सम्मान – 1988
- इंदिरा गांधी पुरस्कार – 1990
- भारत रत्न – 1998
व्यक्तित्व से सम्बंधित यह लेख अगर आपको अच्छा लगा हो तो इसे शेयर करना न भूलें और अपने किसी भी तरह के विचारों को साझा करने के लिए कमेंट सेक्शन में कमेंट करें।