दिल्ली की सड़कों, बाजारों और प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर जल्द ही हाई स्पीड नेटवर्क की सुविधा मिलने जा रही
है. इसके लिए इलेक्ट्रिक पोल, साइड बॉल, होल्डिंग, बस सेंटर, ट्रैफिक सिग्नल और मेट्रो पिलर जैसे स्ट्रीट फर्नीचर
पर मॉल से लगाकर 5G नेटवर्क को फैलाया जाएगा. दिल्ली सरकार के शहरी विकास विभाग के सचिव की
अध्यक्षता वाली कमेटी ने विभिन्न विभागों और एजेंसियों को इस बाबत जरूरी जानकारी लोकेशन के साथ
जीएसडीएल के पोर्टल पर मुहैया कराने के लिए कहा है. कमेटी में लोक निर्माण विभाग, आईटी विभाग, ऊर्जा
विभाग, नगर निगम, एनडीएमसी और दिल्ली छावनी बोर्ड के प्रतिनिधि सदस्य के रुप में शामिल किए गए हैं.
पहले चरण में दिल्ली सहित 14 शहरों में अक्टूबर से इस सेवा को शुरू करने की उम्मीद जताई जा रही है. यूजर
को इससे तेज स्पीड इंटरनेट के अलावा कई अन्य लाभ मिलेंगे. शहरी विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि
सभी विभागों को जानकारी पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए गए हैं. सूत्रों के मुताबिक अभी इस पर काम
शुरू किया गया है और कम से कम 1 महीना लग जाएगा.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि रोड और स्ट्रीट लाइट पोल, फुट ओवरब्रिज, फ्लाई ओवर, सरकारी भवनों,
साइनस बोर्ड, इलेक्ट्रिकल पोल, साइड वॉल, होल्डिंग, बस शेल्टर, ट्रैफिक सिग्नल और मेट्रो पिलर जैसे स्ट्रीट फर्नीचर
पर मॉल से लगाकर 5G का नेटवर्क तैयार किया जाएगा. हर आधे किलोमीटर पर 5G नेटवर्क के लिए स्मॉल से
लगाया जाएगा प्रत्येक स्मॉल सेल बैटरी बैंक सहित करीब 52 किलो वजन का होगा और इसकी लंबाई करीब डेढ़
फीट होगी.
टेलीकॉम कंपनियां बीएसडीएल के पोर्टल पर जाकर लोकेशन के हिसाब से इलेक्ट्रिक पोल से लेकर मेट्रो पिलर तक
का चुनाव स्मॉल से लगाने के लिए कर सकेंगी. लेकिन इसके लिए उसका स्वामित्व रखने के लिए विभाग या
एजेंसी से अनुमति भी लेनी पड़ेगी. सब कुछ ऑनलाइन होगा इसके बदले उस विभाग या एजेंसी को कंपनियां
किराया देगी.
यह भी जानिए
- सरकार ने दिल्ली भर में मुफ्त वाई-फाई प्रदान करने के लिए 11000 हॉटस्पॉट स्थापित करने का लक्ष्य
रखा था. - अब तक 10560 स्थानों पर हॉटस्पॉट लगाने का काम हो चुका है.
- बस स्टॉप पर 2208 हॉटस्पॉट लगाए गए हैं.
- अन्य जगहों पर 8352 हॉटस्पॉट लगाए गए हैं.
- लोगों को हर 500 मीटर पर मुफ्त वाई-फाई की सुविधा भी मिल रही है.