दिल्ली में 24 घंटे से भी अधिक समय से जारी बारिश ने लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। शुक्रवार
सुबह से लगातार बारिश हो रही है, जिसके चलते शुक्रवार को सड़कों, गलियों और रिहायशी इलाकों में जलभराव हो
गया है।
हालांकि, प्रमुख अंडरपास और जलभराव के लिए बदनाम जगहों में लोगों को कम परेशानी का सामना करना पड़ा।
सड़कों पर बारिश का पानी भरने से सीमापुरी बॉर्डर, आश्रम, वजीराबाद, धौला कुआं, आनंद विहार से नोएडा, करोल
बाग और कई इलाकों में लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी।
पीडब्ल्यूडी को 250 शिकायतें प्रमुख सड़कों और गलियों में जलभराव को लेकर लोक निर्माण विभाग को 250 से
अधिक शिकायतें मिली हैं। शुक्रवार शाम 5 बजे तक अलग-अलग इलाकों में जलभराव को लेकर पीडब्लूडी ऐप पर
आई शिकायतों पर विभाग की ओर से कार्रवाई की गई है। दिल्ली में लोक निर्माण विभाग के पास 1400 किमी की
सड़कों के रखरखाव की जिम्मेदारी है, जहां शुक्रवार को जलभराव की वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना
पड़ा।
यहां रही राहत दिल्ली लोक निर्माण विभाग की तैयारियों के कारण शुक्रवार को प्रमुख अंडरपास जलभराव से अछूते
रहे। आम तौर पर मिंटो ब्रिज, पुल प्रहलादपुर, आजादपुर समेत दिल्ली के प्रमुख अंडरपासों में बारिश के दौरान
जलभराव हो जाता है। पीडब्ल्यूडी की ओर से जलभराव को रोकने के लिए इन अंडरपासों में अलार्म सिस्टम लगाए
गए हैं। इसके चलते एक तय सीमा तक जलभराव के बाद ऑटोमैटिक पंप चालू हो जाते हैं, जिससे जलभराव नहीं
होता है। हालांकि, पीडब्ल्यूडी अधिकारियों का कहना है कि बारिश बहुत तेज न होने के कारण पानी ज्यादा नहीं
भरा है।
मकान का छज्जा गिरने से चार घायल उत्तर पूर्वी दिल्ली के ब्रह्मपुरी इलाके में शुक्रवार को बारिश के दौरान मकान
का छज्जा गिरने से चार मजदूर घायल हो गए। चारों बारिश से बचने के लिए उसके नीचे खड़े थे। घायलों में प्रमोद
व साकिर समेत दो अन्य को इलाज के लिए जग प्रवेश चंद्र अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बाजारों में जलभराव से दुकानदार बेहाल
लगातार हो रही बारिश के बीच राजधानी के प्रमुख बाजारों में शुक्रवार को जलभराव की समस्या रही। इससे लोगों
को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। बाजारों के अंदर दुकानें देरी से खुलीं। वहीं सदर बाजार, चांदनी चौक,
गांधी नगर के कुछ इलाकों में पानी की निकासी न होने से दुकानों के अंदर पानी भर गया।
गलियों में दोपहर तक पानी भरे रहने पर व्यापारियों को दुकान खोलने के लिए इंतजार करना पड़ा। उधर, रुक-
रुककर हो रही बारिश का असर कारोबार पर भी पड़ा। लोगों की आवाजाही कम होने से बाजारों में सन्नाटा पसरा
रहा।
चांदनी चौक में निचले इलाकों में हुई सबसे ज्यादा समस्या बारिश के चलते चांदनी चौक के कुछ इलाकों में
जलभराव की समस्या हुई। कच्चा बाग से लेकर सदर बाजार की तरफ जाने वाली रोड और उससे सटी मार्केट में
जलभराव हुआ।
स्थानीय व्यापारी एवं दिल्ली हिंदुस्तानी मर्केंटाइल एसोसिएशन के महामंत्री श्रीभगवान बंसल का कहना है कि बारिश
के चलते कूचा नटवा, कटरा नील, नई सड़क व परांठे वाली गली में सबसे ज्यादा जलभराव की समस्या हुई।
एक बार बारिश होने के बाद चार छह घंटे पानी निकलने में लगते हैं। मुख्य सड़क ऊंची हो गई है और अंदर
गलियों के बाजार की सड़क नीची रह गई है, जिससे जलभराव हो रहा है।
मंगोलपुरी
राष्ट्रपति भवन में नहीं होगा चेंज ऑफ गार्ड समारोह
खराब मौसम के कारण 24 सितंबर को राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में चेंज ऑफ गार्ड समारोह आयोजित नहीं किया
जाएगा। राष्ट्रीय राजधानी में पिछले दो दिनों से लगातार हल्की से मध्यम बारिश हो रही है। राष्ट्रपति भवन की
ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है, हर शनिवार को राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में होने वाला चेंज ऑफ गार्ड
समारोह कल (24 सितंबर, 2022) खराब मौसम के कारण नहीं होगा।
दिल्ली में सितंबर में हुई आधी से अधिक बारिश शुक्रवार को सुबह साढ़े आठ बजे तक महज 24 घंटों में दर्ज की
गई। इससे इस महीने बारिश की कमी की स्थिति अब अत्यधिक बारिश में बदल रही है।
सफदरजंग वेधशाला ने एक सितंबर से 22 सितंबर (गुरुवार सुबह) तक सामान्य 108.5 मिलीमीटर बारिश की
तुलना में 58.5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की थी। सफदरजंग वेधशाला दिल्ली का प्रमुख मौसम स्टेशन है। शुक्रवार
सुबह साढ़े आठ बजे तक पिछले 24 घंटे में 72 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। 1 से 23 सितंबर तक दिल्ली में
130.5 मिलीमीटर बारिश हुई। सामान्यत दिल्ली में सितंबर में 125.5 मिलीमीटर बारिश होती है।
मौसम केंद्र ने पश्चिमी विक्षोभ और निम्न दबाव क्षेत्र को भारी बारिश का कारण बताया है। राष्ट्रीय राजधानी में
इस मानसून के दौरान केवल दो बार भारी बारिश दर्ज की। एक जुलाई को 117.2 मिलीमीटर बारिश हुई थी। पिछले
दो दिनों से जारी लगातार बारिश से मानसून के मौसम में कुल वर्षा की कमी नीचे आ गई है। दिल्ली में शुक्रवार
सुबह तक कुल वर्षा में कमी 35 प्रतिशत (22 सितंबर तक) से घटकर 23 प्रतिशत रह गई। सितंबर के आखिर तक
मानसून की वापसी से पहले अभी और बारिश की संभावना है।