किसी शहर या कस्बे में रहने वाले निवासियों को संपत्ति कर देना पड़ता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्रॉपर्टी टैक्स क्यों लगाया जाता है? इसे रियल एस्टेट टैक्स के नाम से भी जाना जाता है। इसका उपयोग सड़क रखरखाव, शिक्षा, स्वच्छता आदि जैसी सेवाएं प्रदान करने के लिए एक कोष के रूप में किया जाता है।
सबसे पहले आपको ये जानना होगा कि प्रॉपर्टी टैक्स जमा करने पर क्या फायदा मिलता है। खास बात यह है कि इसे आप घर बैठे भी जमा कर सकते हैं। आपको कितना टैक्स देना होगा यह संपत्ति की कीमत पर निर्भर करता है। अगर आप समय पर प्रॉपर्टी टैक्स जमा कर देते हैं तो आप जुर्माना भरने से भी बच सकते हैं। संपत्ति कर का भुगतान वार्षिक आधार पर किया जाता है। भुगतान में देरी पर राशि पर ब्याज के रूप में 2 प्रतिशत तक का जुर्माना लगता है।
कई बार करदाताओं के मन में यह सवाल उठता है कि वे आसानी से टैक्स कैसे चुका सकते हैं? टैक्स जमा करने के लिए आप नगर निगम कार्यालय या अपने क्षेत्र के संबंधित बैंकों में जा सकते हैं। वर्तमान समय में अधिकांश नगर पालिकाएं टैक्स जमा करने के लिए प्राधिकरण की वेबसाइट पर ऑनलाइन सुविधा भी उपलब्ध कराती हैं। इस वेबसाइट पर जाकर आप अपना नाम, अपना स्थान, मालिक की शुद्ध आय, संपत्ति का प्रकार आदि का विवरण भर सकते हैं। इसके आधार पर आपको लगाए गए टैक्स पर छूट भी मिलती है। संपत्ति की पहचान के लिए आपको खाता नंबर देना होगा।
संपत्ति कर बकाएदारों के पाए जाने पर उनके मकान जब्त कर लिए जाते हैं। इसके अलावा उनसे जुड़ी चीजें भी जब्त कर ली जाती हैं। साथ ही इन्हें बेचकर टैक्स भी वसूला जाता है। इतना ही नहीं ऐसे लोगों के खिलाफ कोर्ट में मामला भी दर्ज कराया जाता है। कुछ परिस्थितियों में उसे जेल भी भेजा जा सकता है।