भारत में प्रतिवर्ष 18 जून के दिन को गोवा क्रांति दिवस के रूप मे मनाया जाता है। 18 जून गोवा की आज़ादी की लड़ाई के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से लिखा गया है। 18 जून, 1946 को ही डॉ. राम मनोहर लोहिया ने गोवा के लोगों को पुर्तग़लियों के विरुद्ध आवाज़ उठाने के लिए प्रेरित किया था। 18 जून को हुई इस क्रांति के जोशीले भाषण ने गोवा की आज़ादी की लड़ाई को मजबूत किया और इसे गति दी।
इसके बाद गोवा की मुक्ति के लिये एक लम्बा आन्दोलन चला। अन्ततः 19 दिसम्बर 1961 को भारतीय सेना ने यहाँ आक्रमण कर इस क्षेत्र को पुर्तग़ाली आधिपत्य से मुक्त करवाया और गोवा को भारत में शामिल कर लिया गया।
गोवा का इतिहास - History of Goa in Hindi
पुराणों और अभिलेखों में इसका वर्णन गोवे, गोवपुरी व गोमत के रूप में आता है।
मध्यकालीन अरबी भूगोलविद् इसे सिंदाबूर या संदाबूर के नाम से जानते थे।
पुर्तग़ाली गोवा को ‘वेल्हा गोवा’ के कहते थे।
तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में, गोवा मौर्य साम्राज्य का हिस्सा था।
तत्पश्चात सन् 1312 गोवा पर कदम्ब वंश ने शासन किया।
1312 से 1367 तक दक्कन के मुस्लिमों का शासन रहा।
बाद में गोवा पर विजयनगर का अधिकार हो गया और फिर बहमनी वंश ने गोवा पर कब्ज़ा कर लिया।
मार्च, 1510 में अलफ़ांसो-द-अल्बुकर्क के नेतृत्व में पुर्तग़ालियों का आक्रमण हुआ और गोवा बिना किसी संघर्ष के पुर्तग़ालियों के क़ब्ज़े में आ गया। इसी के साथ, गोवा पूर्व दिशा में समूचे पुर्तग़ाली साम्राज्य की राजधानी बन गया।
1954 के मध्य में गोवा के राष्ट्रवादियों ने दादरा तथा नगर हवेली की बस्तियों पर नियंत्रण स्थापित कर लिया।
अन्ततः 19 दिसम्बर 1961 को भारतीय सेना ने यहाँ आक्रमण कर इस क्षेत्र को पुर्तग़ाली आधिपत्य से मुक्त करवाया और गोवा को भारत में शामिल कर लिया गया।
20 दिसम्बर, 1962 को गोवा के पहले चुनावों में श्री दयानंद भंडारकर गोवा के पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री बने।
वर्ष 1967 में हुए जनमत संग्रह में गोवा के लोगों ने केंद्र शासित प्रदेश के रूप में रहना पसंद किया।
30 मई, 1987 को गोवा को पूर्ण राज्य घोषित किया गया और इस प्रकार गोवा भारतीय गणराज्य का 25वाँ राज्य बना।
गोवा के विषय में कुछ तथ्य
गोवा वस्तुतः तटीय प्रदेश का एक हिस्सा है जिसे कोंकण के नाम से जाना जाता है, जो पहाड़ों की पश्चिमी घाट श्रृंखला तक जाता है, जो इसे दक्कन के पठार से अलग करता है।
गोवा की उच्चतम बिंदु सोंसोगोर चोटी है, जिसकी ऊँचाई 1,026 मीटर (3,366 फीट) है।
गोवा की तटीय सीमारेखा 160 किमी (99 मील) है।
राजभाषा अधिनियम, 1987, पूर्व केंद्र शासित प्रदेश गोवा, दमन और दीव, देवनागरी लिपि में कोंकणी को गोवा की एकमात्र आधिकारिक भाषा बनाता है, लेकिन यह प्रावधान करता है कि मराठी का उपयोग "सभी या किसी भी आधिकारिक उद्देश्यों के लिए" भी किया जा सकता है।
2011 की जनगणना के अनुसार, गोवा में 1,458,545 लोगों की आबादी में, 66.1% हिंदू थे, 25.1% ईसाई थे, 8.3% मुस्लिम थे, और 0.1% सिख थे।
2022-23 के लिए गोवा का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) (मौजूदा कीमतों पर) 91,417 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
पर्यटन गोवा का प्राथमिक उद्योग है। यह भारत में आने वाले विदेशी पर्यटकों का 12% है।
तट से दूर की भूमि खनिजों और अयस्कों से समृद्ध है, और खनन दूसरा सबसे बड़ा उद्योग है। यहाँ लोहा, बॉक्साइट, मैंगनीज, मिट्टी, चूना पत्थर और सिलिका का खनन किया जाता है।