दुनिया में माँ और बच्चों का रिश्ता बाकी रिश्तों से नौ महीने ज़्यादा पवित्र, प्यारा और मजबूत होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि माँ ही हमें जन्म से पहले नौ महीने तक अपने पेट में पाल कर रखती है। हम सभी अपनी माँ से प्यार करते हैं और उनका सम्मान करते हैं। वैसे तो माँ का कोई दिन नहीं होता बल्कि माँ से ही हमारा दिन होता है। लेकिन फिर भी माँ के प्यार और सम्मान में हर साल हम मदर्स डे (Mother's Day) मनाते हैं। भारत के साथ दुनिया के कई देश हर साल मई के दूसरे रविवार को मातृ दिवस के रूप में मनाते हैं।
सबसे पहले मदर्स डे मनाने की शुरुआत संयुक्त राज्य अमेरिका से हुई। बता दें कि एना जॉर्विस नाम की अमेरिकी महिला व सामाजिक कार्यकर्ता अपनी माँ से बहुत प्रेम करती थीं। सन् 1905 में जब उनकी माँ की मृत्यु हुई, तो उन्होंने सभी माताओं के सम्मान और प्यार के लिए हर साल मदर्स डे मनाने के लिए एक अभियान की शुरुआत की। वह चाहती थीं कि माताओं का सम्मान और आभार व्यक्त करने के लिए एक दिन बने। इसके लगभग नौ साल बाद सन् 1914 में अमेरिका के राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने इस बात की घोषणा की कि हर साल मई के दूसरे रविवार का दिन माताओं के सम्मान में मदर्स डे के रूप में मनाया जाएगा। इस संबंध में अमेरिका की संसद में एक कानून भी पास हुआ, जिसके घोषणा पत्र में हस्ताक्षर भी किए गए। इस तरह हर साल मदर्स डे मनाने की शुरुआत हुई और ये चलन अमेरिका के साथ-साथ कई देशों में भी शुरू हो गया।
अपनी माँ के प्रति प्यार व सम्मान व्यक्त करने के उद्देश्य से इस दिन की शुरुआत हुई। हर माँ अपने बच्चे से निस्वार्थ भाव से प्रेम करती है और वो बदले में अपने बच्चों से भी केवल प्यार ही चाहती है। बच्चों को पालने में व घर चलाने में पिता के साथ-साथ माँ की भी बराबर भूमिका होती है। इसलिए घर और बच्चों के प्रति माँ की जिम्मेदारी और उसके योगदान की प्रशंसा व कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए इस दिन को चुना गया।
इस साल मदर्स डे 12 मई, 2024 यानी मई के दूसरे रविवार के दिन मनाया जाएगा। इस दिन आप अपनी माँ को कोई शायरी सुनाकर, उनकी पसंद का कोई तोहफा देकर या कोई फूल देकर हैप्पी मदर्स डे बोलकर उन्हें खुश कर सकते हैं।