उत्तराखंड भारतवर्ष का एक राज्य है। राज्य भर में पाए जाने वाले अनेकों हिंदू मंदिरों और तीर्थ केंद्रों के कारण इसे अक्सर ‘देवभूमि’ भी कहा जाता है। भव्य हिमालय की गोद में बसा, उत्तराखंड राज्य दिव्य सुंदरता, रोमांच और आध्यात्मिकता की भूमि है। उत्तराखंड प्राकृतिक चमत्कारों, प्राचीन मंदिरों और जीवंत संस्कृति का खजाना है।
प्रत्येक वर्ष 9 नवंबर को उत्तराखंड स्थापना दिवस मनाया जाता है। दरअसल, इसी दिन उत्तराखंड राज्य अपने अस्तित्व में आया है। इस दिन यह राज्य उत्तर प्रदेश से अलग होकर बना था। उस समय इस राज्य का नाम था उत्तराँचल।
उत्तर में उत्तराखंड की सीमा चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र से लगती है; पूर्व में नेपाल का सुदुरपश्चिम प्रांत; दक्षिण में भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश और पश्चिम और उत्तर-पश्चिम में हिमाचल प्रदेश। राज्य वस्तुतः दो मंडलों में विभक्त है - गढ़वाल और कुमाऊं। उत्तराखंड में कुल 13 जिले हैं।
उत्तराखंड की शीतकालीन राजधानी देहरादून है, जो राज्य का सबसे बड़ा शहर है, जो एक रेल प्रमुख है। गैरसैंण, चमोली जिले का एक शहर, 5 मार्च, 2020 को उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित की गई।
उत्तराखंड प्राकृतिक सुंदरता, आध्यात्मिकता और रोमांच की भूमि है, जो इसे विविध अनुभवों की तलाश करने वाले यात्रियों के लिए एक जरूरी गंतव्य बनाता है। चाहे आप प्रकृति प्रेमी हों, आध्यात्मिक साधक हों, साहसिक उत्साही हों, या संस्कृति प्रेमी हों, इस हिमालयी राज्य में कुछ न कुछ है। अपने प्राचीन परिदृश्यों, प्राचीन मंदिरों और गर्मजोशी भरे आतिथ्य के साथ, उत्तराखंड वास्तव में देवताओं की भूमि "देवभूमि" के नाम को चरितार्थ करता है।
9 नवंबर, 2000 को भारत का 27वां राज्य बना। इसे उत्तर प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों से अलग करके बनाया गया था। अलग राज्य की मांग के लिए आंदोलन ने 1990 के दशक की शुरुआत में गति पकड़ी। अलग राज्य की मांग का आधार बना प्रशासन की ओर क्षेत्र की उपेक्षा की भावना। दरअसल, पहाड़ी व मैदानी क्षेत्रों के विकास के पैमाने अलग-अलग होते हैं, और प्रशासन का केंद्र लखनऊ होने के कारण पहाड़ी क्षेत्र के लोगों में एक अलग राज्य की मांग उपजी। अंततोगत्वा, उत्तर-प्रदेश के कुमाऊं क्षेत्र व गढ़वाल क्षेत्र को मिलकर 9 नवंबर, 2000 एक अलग राज्य उत्तराँचल का गठन हुआ, जो आगे चलकर 1 जनवरी, 2007 से उत्तराखंड के नाम से जाना गया।